इश्क़ की मीनार का किस्सा बड़ा मशहूर हैं,
जो दिल के सबसे करीब हैं, वहीं दिल से दूर हैं-
अरे हर्ज़ ही क्या हैं मुस्कुराने में,
आख़िर तकलीफें किसके हिस्से में नहीं होती .....-
न हालात समझ पायें,
न ज़ज्बात समझ पायें ,
लोग तो कोरा काग़ज समझ जाते है ,
हम तो खुली किताब भी ना समझ पाए .......
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कोई यू ही नहीं बदलता,
बदलने की भी कुछ खास वजाए होती है,
महज फर्क नजरिये का होता है,
किसी को बदलाव दिखते है ,
तो किसी को वजाए........-
अब सम्भलने की बारी हैं आई,
क्यूँकि ,
लिया जिनका भी सहारा,
गिराने की कसम हैं,उन्ही ने खाई.....-
अजीब हैं ना ये जिन्दगी भी.....
एक पल मे हमे इति सारी खुशिया दे देती हैं,
तो दुसरे ही पल सूत समेट वापस ले लेती हैं।।
😐😐-
// यादास्त //
यादास्त भी कितनी अजीब चीज हैं,
कुछ चीजे याद नही रहती तो,
कुछ चीजे पूरी उम्र नहीं भूलती।-
ना जाने किस कशमकश मे गुमशुदा सी हो गई हैं जिन्दगी,
रूठती भी खुद से ही हैं ,
और
मनाती भी खुद को ही हैं।-