कभी ना कभी तो अमीर
बन ही जाएंगे।
ये रास्ता कदम कदम पे
इतना इम्तेहान जो ले रही है।-
इस मुश्किल भरे जिंदगी के सफर में
जो भी पिला रहे हैं एक बूंद ही पानी हमें
रही जिंदगी तो समंदर लौटा देंगे।
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बचपन में बेवजह ही रोया करते थे
अब वज़ह होते हुए भी नहीं रो पाते हैं
अब तो कमाने का वक़्त है
थक कर रात में सो जाते है
अब माँ के गोद में कभी कहाँ सो पाते हैं
हाँ हम लड़के है जनाब
जो एक वक़्त के बाद
वज़ह होते हुए भी नहीं रो पाते हैं
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सफर में कदम कदम पे
मुश्किलें बहुत आ रही है
लगता है आगे मंजिल
बहुत खूबसूरत है-
पता नहीं यार ये मजिल कब मिलेगी
मुश्किलें हर रोज आता है और जाता है
लेकिन कुछ बड़ा करने की उम्मीद
जिंदगी के उस मोड़ पर ले आई है
जहाँ रोते हुए खुद को
रोता हुआ खुद ही चुप कराता है
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जिंदगी के उस मोड़ पर खड़े हैं
जंहा रोते हुए खुद को
खुद ही चुप करा रहे हैं-
कोन कहेगा अब उसे यार
कि सब ठीक हो जाएगा बाबु ।
अभी खाना खा लो । हाँ.......-
जान तो नहीं थी वो मेरी
लेकिन जाने के बाद मैं
मरने जैसा हो गया था ।-