Arti Upadhyay   (बस यूं ही मेरे ख्याल)
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बस यूं ही मेरे ख्याल
Joined 14 September 2020


बस यूं ही मेरे ख्याल
Joined 14 September 2020
1 FEB 2023 AT 9:17

सूरज की पहली किरण और तुम
विटामिन डी की कमी पूरी करते हों ।।

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27 JAN 2023 AT 9:24

ये शर्द हवाएं , और गरमागरम चाय
वाह क्या बात हो !!


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4 NOV 2022 AT 16:17

नसीब तो पहले ही जुड़ गए थे
अब तो सामाजिक परंपराए निभाई जा रही हैं

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27 OCT 2022 AT 23:32

कुछ पल अपनो के नाम
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समय और इंसान का अब कोई भरोसा नहीं
पल में सब बिखर जाता है , कितना भी गुमान
करलो खुद पर एक दिन ये भी मिट जाना है ।।

भाग रहे है अपनो को छोड़ , माया के पीछे
एक दिन ये भी साथ छोड़ जानी है
रह जाओगे अकेले तब अपने ही साथ देते हैं।।

कुछ पल ही सही , अपनो को भी अपना समय दो
जीवन की डोर कब किसकी टूट जाए ,
कब अपने अपनो से छूट जाए , कुछ कह नही सकते।।

थोड़ा ही सही कुछ हाल अपनो के भी जान लिया करो
जब अपने छूट जायेंगे , तब पछताओगे क्यों समय ना
दिया , अपनो को यही सोचकर कुछ को ही सताओगे ।।

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4 AUG 2022 AT 21:00

ऐ - कलम कुछ मेरे बारे में भी लिख
में हूं एक स्त्री तू तो मुझ से भेद भाव मत कर
दुनियां ने किए है भेद भाव स्त्री पुरुष में
तू तो मेरे आंतरिक मन की दुविधा समझ
या तू भी मेरे अस्तित्व को गैरो की तरह जानकर
अनजान बनेगी , ए कलम कुछ मेरे बारे में भी लिख।।

लिख दे आज कुछ ऐसा मेरे बारे में सुकून ना सही
सुकून का एहसास तो कर , कुछ तो लिख जो
पढ़कर मेरे अस्तित्व को समझा तो जाए
नहीं चाहिए गैरो के हक , बस मेरे ही मुझे मिल
जाए , बस उनके बारे में जिक्र तो कर
में भी मुस्कराऊ कुछ ऐसा भी तो लिख ,
ए - कलम कुछ मेरे बारे में भी लिख ।।

समाज की बेड़ियों से कुछ तो आजाद कर
मेरे चंचल मन को एक उड़ान तो भरने दे
माना में स्त्री हूं मेरे अधिकार नहीं है सब की
तरह में भी खिल खिलाऊ , तू अपनी ही कलम
से कुछ ऐसा लिख , तेरे अल्फाजों में ही में
अपना सम्पूर्ण जीवन जी जाऊं , हो रही हूं
में अपने हर ख्वाब से दूर उस ख्वाब
के बारे में तो लिख , ए कलम कुछ मेरे बारे में भी तो लिख।।

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10 JUN 2022 AT 15:25

जरूरी नहीं हर इंसान पूर्ण हो ,
कुछ कलयुगी विचारधाराएं
हर एक में विद्यमान होती हैं।।

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8 JUN 2022 AT 22:25

हा मुझे इश्क है तुमसे , तुम्हारे कहे हर लफ्ज़ से,
हा मुझे इश्क है तुम्हारी उन हरकतों से ;

जो मुझे रोते हुए भी हसाया करती हैं,
हा मुझे इश्क है तुम्हारी उन तमाम शिकायतो से;

जो हर पल मुझे तुम्हारा होने का एहसास दिलाती है,
हा मुझे इश्क है तुम्हारी उन तमाम बातो से ;

जो मेरे लिए नए नए सपने बुनती है,
हा मुझे इश्क है तुमसे तुम्हारी नाराजगी से ;

जो मेरे मानने पर तुम मान भी जाया करते हो,
फिर खुद भी मेरे साथ बैठ कर रोया भी करते हो;

हा मुझे तुमसे इश्क है हा तुम्ही से इश्क है ,
तुम मेरे हो ,मेरे बनकर ही रहना में तुम्हारा ही इश्क हूं।।

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8 JUN 2022 AT 22:23

जो असमंजस मैं रहता है।।

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8 JUN 2022 AT 17:33

हमेशा बनी रहती है
थोड़ा प्यार और
विश्वाश हो तो ।।

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8 JUN 2022 AT 17:26

रिश्तों में कड़वाहट कभी आती ही नहीं ,
अगर सच की नींव पर जोडे गए होते तो ।।

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