कुछ आँसू थे जो सूख गए
कुछ एहसास थे जो रूठ गए
कुछ कहने भर को जो कभी अपने थे मेरे
हालातों की आँधी में बिखरे और टूट गए
समझाया है मैंने इस पागल दिल को
क्यों तड़पना उन बेगानो की ख़ातिर
जो आये पल भर को और हमसे
हमारा ही वजूद लूट गए....-
और मुझे तलाशना और जानना हो तो मेरी रचनाओं में ढूँढने चले आना,,.. तब भी ... read more
मसला फिर से तन्हा रह जाने का नहीं है
अफ़सोस उसके साथ छूट जाने का है
मसला अब दूर हो जाने का नहीं है
ख़लिश फिर कभी ना लौट कर आने की है...-
घुट - घुट कर जीने से लाख बेहतर है
उस एहसास का ही दम घोट देना
जो हमें खत्म कर रही हो...
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और फिर इक दिन सही वक्त के इंतज़ार में
हम बहुत कुछ सही खो चुके होते हैं...-
मुद्दतों हुए दरमियाँ हमारे
ना फिर कोई बात हुई
मैं जागी फिर तन्हा
तुझसे ख़्वाब तक में
ना कोई मुलाक़ात हुई
वक़्त की कमी कुछ जिंदगी में गमी
का मसला बताया है उसने कुछ
सब मालूम है दिल को फिर भी
ना बेचैनियों को चैन हैं ना
उखड़ती सांसों को
थमने की आस कोई-
गुरेज़ नहीं अब तो कोई मलाल नहीं
पहले से अब मेरे वो गुमसुम हाल भी नहीं
क्यों करूँ मैं अब उस खुदा से शिक़ायत भी
जिसको बस इक मेरा ही ख़याल नहीं....-
अक्सर गहरी नींद सो जाने वाली
कच्ची नींद की फिर आदी हो जाती हैं
ये लड़कियाँ पूरी बदल जाती हैं
जब उनकी शादी हो जाती है ....-
कह दो ना शब से जल्दी आ जाये
मुझे तेरी बाहों में सोना है
चुरा के रखें हैं आँसू न जाने कितने मैंने
तेरे दामन से लिपट के अब बस जी भर के रोना है-
कोई दिल को अब जचता नहीं
मुखौटे है सब झूठ के
सच है कि अब कोई अच्छा
लगता नहीं ..-