Arshh Rajput   (Arshh Rajput)
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Joined 28 April 2018


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Joined 28 April 2018
2 DEC 2021 AT 21:52

A star once looked me in the eye
From high above my window,
Murmuring
“The sky is gruesome,” it said
“How small you must feel.”

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26 OCT 2021 AT 13:01

कहां निकल चुका खुद की तलाश में
आते खयाल खुद को रोक लेता काश मैं
करके तमाशे दे रहा दिल को दिलासे
जब की जानता हूं खुद को मैं अच्छी तरह से
कैसे हट जाता पीछे मैं अपनी जगह से
कैसे छोड़ देता जीता मैं जिसकी वजह से
होजाए चाहे पूरी दुनिया खिलाफ
मैं नी आने वाला बाज मुझे अपना पता है
अकेला रात 4 बजे, ज़ेहन में सवाल भरे
घूम रहा दर बदर वहम दिल पर वार करे
जहर से अल्फाज भरे कैसे कुछ इजहार करे
टूट कर गया बिखर और कितना इंतजार करे

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27 SEP 2021 AT 22:09

बेफिक्र थी ज़िंदगी
तेरे आने से पहले
अब जागते सोते तेरा खयाल करता हूं
जिनके जवाब ना दे पाई ये जिंदगी
मैं खुद से वो सवाल करता हूं
खुली आंखों में रात कट जाती है
बीते लम्हों में ये जिंदगी बट जाती है
आखिर क्या जितने को ये दिल हारा है
तेरे एक हां के लिए खोया ये जहां सारा है
ना जाने कब तक ये सांस चलेगी
खो जाऊंगा जो तेरी दुनिया से
शायद तब मेरे इश्क की बात चलेगी
मौजूद रहूंगा तुझमें एक याद बनके
लौट आऊंगा हर रोज एक एहसास बनके
ना हो कुबूल
तो आखरी खत समझ के जला देना
दिल आ जाए तो
उन खातों को आंसू से सजा लेना

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23 SEP 2021 AT 20:07

जिद्द पे आजाऊ तो मुड़ के भी ना देखूं
तुम अभी मेरे गुरूर से वाकिफ कहां हो

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12 SEP 2021 AT 18:29

And if the stars collide will she revive my soul ?

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11 SEP 2021 AT 6:56

अगर लगे की आप बेहद अकेले हो तो बस एक बार मुस्कुरा कर खुद को आईने में देख लीजिएगा।

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10 SEP 2021 AT 6:01

आलम फ़ाज़िल यार सयाने
आये थे हमको समझाने
हमने कहा तुम्हें खाक पता है
जिसको लगी है वो ही जाने

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9 SEP 2021 AT 12:42

हम शुरू से सखी थे मीर, कैसे आए इस शायर को मौत?

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8 SEP 2021 AT 7:13

जलन उन फ़िज़ाओं से हमें तब हो गई
जब बिन इजाज़त वो उन्हें हक़ से छू गई

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7 SEP 2021 AT 7:43

Should I tell you of this story?
A tale of love, of warmth and glory.
Wall of throats entailing stories untold
It accumulates and gathers
Weighing with words that they hold
Unsaid and unheard these words
but only felt as they unfold
With meanings so inexplicable,
May I then try to explain?
These letters become words become feelings
But nothing tangible can they ever contain
For every time you lose
You win all over again.

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