यह जश्न तिरंगे का है,
पर उससे पहले हमें शोक मानना होगा।
हर घर तिरंगा का त्यौहार तो जरूर मानेंगे पर ,
उससे पहले हमें अपने बहनों को इंसाफ दिलाएंगे
जिनका नारा है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ,
लो पढ़ ली बेटी पर अब,
इन्हें इन्हीं के बेटों (नेता के)से बचना होगा।-
Arsh Kumar
(ARSH KUMAR)
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Joined 21 August 2018
15 AUG 2024 AT 14:00
17 FEB 2021 AT 22:25
अब समझ लेता हूँ मीठे लफ़्ज़ों की कड़वाहट,
हो गई है जिंदगी के तजुर्बे थोड़ा बहुत।-
28 JAN 2021 AT 12:24
अकेले चलना पड़ता है ज़िन्दगी में ,
लोग यंहा तस्लिल देते हैं , साऀथ नहीं-
31 DEC 2020 AT 14:47
साहिल के तमाशाई ,
आप पर हंसते रहेंगे,
और दुखी भी होंगे,
लेकिन कभी इमदाद नहीं करेंगे।-
2 OCT 2020 AT 13:29
कुछ तो जला होगा ,
यूं बेवजह धूआ तो नहीं हुआ होगा।
जिससे डरते हैं सब ख्वाब में भी ,
उसके साथ वह घटना कैसे घटा होगा।
याद रखना,
यह दर्द आपके साथ भी घट सकता है।
जो नारी का अपमान करे वह मर्द नहीं हो सकता है-
31 AUG 2020 AT 11:17
बिछड़ कर फिर मिलेंगे,
यकीन कितना था ।
ख्वाब ही था मगर ,
ए हसीन कितना था।-
19 JUN 2020 AT 23:36
ना होता कोई तो खुदा होता,
कोई ना होता तो वह खुदा होता।
क्या करें इस जालिम जिंदगी का,
जो कहते बीत जाए ये ना होता तो क्या होता।-
10 JUN 2020 AT 19:56
आग का धुआं रह गया ,
दर्द का बयां नहीं,
चोट का निशा नहीं।
तुम दूर हो गए ,
तुम खुदा के नूर हो गए ।-