Arsh Iftikhar   (अर्श इफ़्तिख़ार)
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Mai Shayar Nahi, ik Vyapari hu, Jo Lafzo ka Her- Pher Karta h...

Dream career - Lyricist
Joined 17 September 2017


Mai Shayar Nahi, ik Vyapari hu, Jo Lafzo ka Her- Pher Karta h...

Dream career - Lyricist
Joined 17 September 2017
2 MAY 2022 AT 18:37

तुम चांद की चाहत में
बेवजह ही
आसमां देख रही हो..

मेरे यार !
तुम्हे आइना देखना चाहिए ...

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2 MAY 2022 AT 18:02

हर कोई यहां
तलाश में है
ईद के चांद का,

वो आसमां ताक रहे हैं,
मैं तुम्हारी गली
देख रहा हूं ।

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20 APR 2022 AT 16:26

हर घड़ी तेरी तलाश में रहता हूं
के तू कहीं से आ मिले
मैं तुम्हें देख लूं , तो रोज़े की हालत में
मुझको शिफा मिले
तुमसे मिलना अब इस क़दर
ज़रूरी हो गया मेरे लिए,
के जिस तरह रोते हुए
बच्चे को मां मिले

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15 FEB 2022 AT 21:12

ढल चुकी है शाम
डूब चुका है सूरज

मैं अपने अंधेरे घर
की खिड़की से
बाहर झांकता हूं
तो देखता हूं
रौशनी से
नहाया हुआ है पूरा शहर...

न जाने
कहां चला गया है ?

मेरे ही छत का चांद...
मेरे ही छत का चांद...


©अर्श इफ़्तिख़ार

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11 SEP 2021 AT 17:39



हम क्या शर्म करे अब ये कहने में ,
के जो भी खुश हैं , हम उनसे जलते है ।


" जौन एलिया "

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11 SEP 2021 AT 14:44

कविताएं कम लिखने लगा हूं आजकल
शायद तुम्हे भूलने लगा हूं आजकल ...
तुम्हारी चीजें संभाल के रख दी है अलमारी में ,
तुम्हे धीरे धीरे खोने लगा हूं आजकल ...


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14 JAN 2021 AT 20:05

कविताएं कम लिखने लगा हूंँ आजकल
शायद तुम्हें भुलने लगा हूंँ आजकल

तुम्हारी चिजों को बहुत सहेज कर
रखा है मैंने अलमारी में ,
बस तुम्हें धिरे धिरे खोने लगा हूंँ आजकल

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4 NOV 2020 AT 19:11


मैं अभी ख्वाब बो रहा हू़ँ हर रात
सितारे उगेंगे मेरे आसमान में इक़ दिन

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15 JUN 2020 AT 19:55

मुझे इसलिए भी खौफ नहीं है मौत का ...

के मैं नींद से बेइंतहा प्यार करता हूं ।

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19 FEB 2020 AT 19:50

Mujhe Yaqeen hai
Mujhe Yaqeen hai
Ke wo Galat
Sangat me hai

Warna Jheel Jaisi
Aankho wali Ladki

Apni Aankho me
Kaanch Ke Jhute Parde
Lagaya Nahi Karti

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