Arpita Singh   (mai Arpita ...)
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Joined 14 April 2019


Joined 14 April 2019
25 OCT 2021 AT 0:58

दिदार चाँद का करने को
सजदा मे दुसरा चाँद था

आसमां का चाँद ही जाने
क्या होना उसका हाल था

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21 OCT 2021 AT 23:26

इक लम्हे काफी होते पूरी जिंदगी के वास्ते
तेरे बाद जिंदगी तो रही, लम्हे फिर ना मिले

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9 FEB 2021 AT 12:12












स्त्रियाँ ' या' नदियाँ------

(कैप्सन मे पूरी कविता पढें)

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17 APR 2019 AT 17:31

बाबूल फिर हुए पराए

पीर न जानूू क्या

पास जो तेरे आए मन

उन्मुकत पाखी बन जाए

फिर छुट गई आंगन

रूठ गई गगन

फिर आंगन हुए पराए

आऊंगी फिर आऊंगी

साेच दिल बहलाऊ

बाबूल फिर हुए पराए

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21 OCT 2021 AT 19:35

जब लत लग गई हो
तपती रेत संग जीने की
इन मौसमी की अदला-बदली
आगज है सम्भल जाने की

इस उपर वाले ने
करिश्मा भी अपरम्पार की
इन्सानों को भी रितुओ सा
रंग बदलने की अदायगी की

नहीं अच्छा रितुओ का हेराफेरी
इन्हें फिक्र नहीं उदासी की
जो तुम उदास हो उदास ही रहो
रितुओ को आदत है बदल जाने की

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24 SEP 2021 AT 19:03

कुछ तो बात है जो उभरकर सामने आई है
तो क्या आज भी साथ तेरे परछाई आई है

न जाने क्यूं धूंध में तुम ढूंढते रहते हो रास्ता
तुम चलो साथ मेरे देख रोशनी नज़र आई है

तुझे माना है दिल ने जब से अजनबी चेहरा
तुम ही कहो कभी कोई शिकायत दोहराई हैं

प्यार धोखा,जिन्दगी लम्बी कहानी माना अब
इस जिन्दगी मे ना कभी आजमाइश आई है

रिश्ते प्यार एतबार के यादों के खट्टे-मीठे नाते
कभी सोचा इनमें कड़वाहट कहां से आई है

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19 SEP 2021 AT 21:41

रिस्ते और नाते मे ना कभी बंदगी देखी
मकरी का जाल सा उलझी जिन्दगी देखी

हर शय मे दिखता चक्रव्युह अभिमन्यु का
और मोहरा-पासा मे पिसती जिन्दगी देखी

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15 SEP 2021 AT 12:18

तौहीन-ए-वफा की
कभी दिल ने ना शिकायत की

कम्बख्त, तेरे खैरियत के वास्ते
हर शय से मन्नत की

इन रुसवाईयों का, तुम ही दास्तां समझो
हमारे दिल ने हमहीं से बगावत की

हमारे साथ का सबने इबादत की
बेवफा,तुमने हमहीं से साजिश की

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10 SEP 2021 AT 19:01

सादे पन्ने पर दिख जाते हो
कहां कुछ भी कह पाते हो
सिर्फ नज्मों मे उतर पाते हो
तुम्हारी आदतें कुछ जुदा है
बिना कुछ कहे,कह जाते हो

ऐ जिन्दगी तुम सांसे भर हो
क्यूं, परेशान किए जाते हो
क्यूं मशक्कत और फरेब क्यूं
चन्द लम्हें का ही साथ जिन्दगी
फिर भी वार पे वार किए जाते हो

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6 SEP 2021 AT 12:58

अब इन ख्वाबों से कर लिया तौबा
हकीकत मे बाग़बान के फूल बिकते हैं

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