बात बस इतनी-सी थी कि कुछ खोयी कुछ सुस्त कुछ उनींदी-सी मैं चाह रही थी सृष्टि से एक चुस्की धूप! हवाओं ने एक प्याले आलिंगन के साथ मेरा प्रस्ताव स्वीकार कर लिया!
सुनो सजना, आज यदि तुम्हारे शहर में टूटकर बरसात हो, तो समझ लेना बादल श्रेष्ठ संदेश-वाहक हैं! कल रात मैंने उनके कानों में तुम्हारे हर प्रश्न का उत्तर गुनगुनाया था...