किस हद तक टूट चूका हूँ;इसका अंदाज़ा क्या लगाओगे,
मैं पलकें भी मिलाता हूँ तो आँखें भर आती हैं।।।-
ARPIT VERMA
(अर्पित वर्मा)
32 Followers · 11 Following
Always on a learning page
Engineer by an education
Newbie in writing
Love to be real & optimi... read more
Engineer by an education
Newbie in writing
Love to be real & optimi... read more
Joined 6 December 2019
18 OCT 2024 AT 22:39
13 OCT 2024 AT 22:21
मैंने तुमसे कहा था; कोई तो मर्ज़ होगा जो मुझे मुझसे मिला दे,
लेकिन मैं था कैसा;यह तो कोई मुझे बतला दे।।-
12 OCT 2024 AT 23:45
32 की उम्र में 64 का तज़ुर्बा हुआ,
मैं तो सबका हुआ, पर मेरा कोई ना हुआ।।-
11 OCT 2024 AT 22:49
कहीं खो सा गया हूँ मैं,
कोई तो मर्ज़ होगा मुझे मुझसे मिलाने के लिए।।-
23 JUN 2024 AT 22:33
ज़िन्दगी का सच में कोई भरोसा नहीं,
मैंने घी से भरे चिरागों को भी बुझते हुए देखा है।।।-
23 JUN 2024 AT 22:25
तज़ुर्बे की बात मुझसे ना करना,
कच्ची उम्र में ही प्यार, रिश्ते,पैसों..,सबका रंग देख चूका हूँ।।।-
26 OCT 2022 AT 21:33
शायद वो झूठ की तरह है,
हर वक़्त ज़ेहन में है,
सच होती; तो कब का भूल जाता।।।।-
6 AUG 2022 AT 9:00
शायद भूल गया हूँ लिखना...,
मेरी रिश्तों की कॉपी हर बार अधूरी रह जाती है।।।-
16 DEC 2021 AT 10:33
सुनो..., देख कर आया हूँ बाज़ार में रिश्ते,
सुना है खरीदी हुई चीज़े अपनी होती हैं।।।।-
28 OCT 2021 AT 16:33
बहुत गहरी नींद सोया हुआ है वक़्त मेरा...,
थक गया हूँ उसे जगाते जगाते।।।।-