अंधेरी रात में ख्वाब सजाने को, टूटा एक तारा मिल गया हो।
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काश दिल के लिए भी कोई चश्मा होता,
कुछ साफ दिखाई नहीं देता इसे आजकल।-
On the festival of light, he was just expecting his heart to be light.
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You are very good at bargaining - they applaud,
One day I will shop my dreams and I won't bargain, I promise. - He replied.-
He never acknowledged the power of vowels, until his hEArt turned into hUrt.
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किसे ढूंढता पल पल, आंखें मूंद किसे तू पाना चाहे,
दूर चला है दिल का रस्ता जिसकी ना खत्म हो राहें,
किस दिशा में किसके पीछे तू चला है,
मिराज बन तेरे अंदर कब से पला है,
खुशी बेठी है कहीं और ही छुपके, देखे तुझको चुपके चुपके,
जो देखे तेरे दिल का रस्ता, रह ना जाए तू भटकता,
मोड दे अपनी राहों को, पूरी कर ले चाहों को,
निकल बाहर भंवर से मन के, तू रह ना जाए इसमे जम के,
भर ले वक्त को बाहों में, दसो दिशाओं में तू ही चमके ।-
Dreams to him - Am I in your priority list, will you ever reach me?
You are not an option anymore, u are the only choice I have, I am rushing - he replied-
बिन लफ्ज़ों के दर्द-ए-दिल तूझे दिया बोल,
ऐ दोस्त तेरे होने से ही, हो गया मैं अनमोल,
वक्त का मिज़ाज़ ना समझ पाया था, ना ही समझ पाऊंगा,
कोई गम नहीं इस बात का, जब तक हर वक्त तुझे साथ पाऊंगा,
बाहों में थाम ली तेरी बाहें,
बंद कर ली अपनी निगाहें,
जिसे ना ढूंढ पाई मेरी नजर,
तूने दिखाई मुझे वो राहें,
ना छोड़ जाना मुझे अकेले उन राहों में, जी छोड़ दूंगा मैं,
आवाज आई, तूझे भूल के खुद की पहचान खो दूंगा मैं।-
कैसा पड़ाव है ये जीवन का,
हर कदम पे ख्वाहिशें खोते जा रहे हैं,
आ रहे हैं पास मंजिलों के,
या साहिल से दूर होते जा रहे हैं,
यादों की डालियों से वो फूल टूटा भी नहीं,
जब कागज़ की कश्ती बारिश के पानी में खूब बही,
फेर देखो वक्त का, अरमानो की कश्तीयां
अपने ही हाथ से डूबोये जा रहे हैं।-
जिंदगी से चाहा था कुछ और, कुछ और पाता चला गया,
ना कोई सुर ना ही ताल थी, ऐसा गीत गुनगुनाता चला गया,
जिन कांधो पर होना था अपने ख्वाबों का बोझ,
उन्ही कांधो पे किसी और के सपनों को ढोते चला गया।-