कल उसे गए, जमाना गुजर जायेगा
फिर एकरोज उसकी यांदो का, फसाना गुजर जायेगा
मिले फिर शायद वो किसी मोड़ पर
इस इंतज़ार में ये, दीवाना गुजर जायेगा
टूटकर रो पड़ेगा उसके घर का चबूतरा भी
जब उसकी गली से मेरा, जनाजा गुजर जायेगा
फिर बोलेंगे कल ही तो बात हुई थी उससे
इतनी खामोशी से ये, परवाना गुजर जायेगा
चांदनी रात तक सब साथ निभायेंगे
अंधेरी रात आते ही , याराना गुजर जाएगा
जब तक जिंदा है तो सुना रहा हूं
फिर मौत के बाद मेरा, अफसाना गुजर जायेगा-
बेरोजगार engineer
Not a शायर
बस लिखने से दिल के दर्द कम हो जाते है
Do't foll... read more
मौसम ये बेदर्दी ,क्यों आजकल
जीना है तेरे बिना, क्यों आजकल
सांसे ये चल रही है माना मगर
मर रहा हूं हर पल ,क्यों आजकल
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घर पर बहुत रास आई ,घर की होली
खाने के बाद फिर प्यास लाई ,घर की होली
पास थे तो बहुत बचते फिरते थे
दूर हुए तो बहुत याद आई ,घर की होली
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आज फिर से घर की याद आई
आज फिर से जिम्मेदारी बता दिल को बहलाया हमने-
वक्त की खूबसूरती “ये बदलता जरूर है”
वक्त की सबसे बुरी बात “ये बदलता क्यों है”
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तू साथी पुराना ,तेरा रास्ता बदल गया
मौसम की तरह, मुझसे वास्ता बदल गया,
ना शक्ल बदली है ना मेरा किरदार
बस तेरे देखने का,राबता बदल गया,
जिसके दम पे उतर आए थे बगावत पर
चंद शोहरत के बाद वो, दोस्त बदल गया,
ना ईमान कायम रख सके ना ही इल्म हया
मुसीबत आते ही मत पूछिए, कौन कौन बदल गया,
आरजू थी कि करूँ मुक्कम हर मंजिल
देखकर अपनो के धोखे, मेरा रास्ता बदल गया
हलक से नही उतर रहा था नाकामी का जहर
मां बाप के हाथ लगते ही, उसका जायका बदल गया-
आंखों में खुशी की चमक का, अहसास मिले
जिंदगी में तुझे ,हर मुकाम खास मिले
हम तो बुझे दीपक है अंधेरा ही करेंगे
रोशन करे तुझे ,ऐसे दोस्त तेरे पास मिले-
दुखी होती थी ,तो सबसे पहले बताती थी
शायद अब वो, पिछले साल से खुश रहती है
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सांसों का क्या पता ,कब दगा दे जाए
इस पल “है” है ,किस पल “थे” हो जाए
ऐसा नही सिर्फ मै ही रोता हूं
गर सुने मेरे हालात , तो पत्थर भी रो जाए
मत जाना इस दुनिया के मेले में
कभी मेरी तरह भीड़ में, आप भी खो जाए
भूलकर भी उसे आवाज मत लगाना
बुरे वक्त में छोड़कर दूर जो जाए
आज सुकून की नींद को तरस रहे है
शायद कल कभी ना उठे ,ऐसी नींद सो जाए
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