एक रोज सबेरे तुम मेरे,
एक शाम सिरहाने रख देना।
वापस आऊंगा सुबह में मैं,
कुछ नाम पुराने रख देना।।-
ARpit Jain
(arnam ✍️🎶🎹)
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Writer, Composer, Musician, short poetry writer hindi/English
Joined 11 July 2018
24 OCT 2024 AT 0:38
12 JUN 2024 AT 0:45
बोलत नईयां फूफा जे तो,
आसों जैसें खिसिया गए।
लुचाई ठडुला बरी गांकरें,
मौ पोंछत खाकें कहराए
ससुर!
जे तो करई ककरी सो खुवा गए...😀-
18 APR 2024 AT 23:06
चलो रास्ता खोजते हैं
छोटी तंग गलियों से होते,
कच्ची पक्की सड़कें
खेलते खलिहानों में छुपते,
प्रेम के दो मोती!
चलो रास्ता खोजते हैं...-
18 APR 2024 AT 22:58
कुछ अल्फाज़ गिरवी रखे हैं,
तुम्हारी रूह से मोहब्बत करने।
तुम्हारे दीदार पर यूं ही छूटकर,
खुद ब खुद चले आएंगे..-
20 JAN 2024 AT 14:57
खुशी चेहरे की तुम्हारे
आज फीकी जो पड़ी है
पलकों में नमी जो पड़ी है।
जुल्फों में हलचल,
दिमाग में उथल पुथल,
दिल के जज़्बात
सब जैसे वीरान पड़े हैं...
कोई किसी का जैसे खो गया हो,
नूर अंखियों का तुम्हारे
जैसे सो गया हो....-
2 SEP 2023 AT 22:44
किस्सा किसी का भी हो,
किस्से कहानियां बन जाते हैं।
खुली हवा में विचरते,
सुनहरी रोशनी में चमकते
माचिस की तीलियों से सजे होते हैं...
वही,
जो किस्से कहानियां बन जाते हैं...
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