हाॅस्टल की यादें
कुछ खट्टी सी कुछ मीठी सी
गोलगप्पे के पानी सी
यादें हैं हमारी हाॅस्टल वाली,
वो रूठना मनाना
वो रात को जगाना
और बर्थडे मनाना
बहुत याद आता है
वो तीन पत्थर का चूल्हा बनाना
कभी खिचड़ी , चावल और कभी Maggie yippee बनाना
फिर सबका एक साथ खाने पे टूट पड़ना
बहुत याद आता है
वो हाॅस्टल का जमाना
वो मेस का खाना
भूले ना भूलाना
वो पनीर का बनना और
मेरे जी़ का ललचाना
बहुत याद आता है
वो हाॅस्टल का जमाना।
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