रोज़ ज़माना दिल बहलाता है मेरा
… कि देखना उस बेवफ़ा को बददुआ लगेगी
हम मुस्कुरा के कहते हैं
… कब की लग गई
मुझे खो दिया
अब क्या ही रह गया खोने को-
सोचता है दिल-ए-नादान
कि कौनसी सज़ा ज़्यादा है…
यह की दोस्त तकलीफ़ में सो नहीं पाया
या यह की उसने पूछने का हक़ ही छीन लिया
कि कौनसी ज़िद ज़्यादा है
यह की दोस्त जा कर भी जाता नहीं
या यह की जाने वाले को जाने दो
कि कौनसी हक़ीक़त ज़्यादा है
यह की दोस्ती ही तो थी
या यह की दोस्ती ही तो नहीं थी-
हर बेरंग ज़िंदगी में
प्यार के रंग भरें
हर नाराज़गी को
माफ़ी की एक बड़े दिल वाली पिचकारी से भिगोकर मिटा दें
हर ग़लतफ़हमी
पर दोबारा एतबार का गुलाल लगाएँ
हर कड़वाहट रखे दिल को
मन मिठास की गुजिया खिलाएँ
चलो इस बार जम के होली मनाएँ
Happy and color filled Holi to u
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चल अब दम तोड़ भी दे, इश्क़
अब तेरी बेबसी पर
कोई नहीं रोता
हम हर ख़्वाहिश ख़ाक कर बैठे
एक तू ही कम्बख़्त दफ़्न नहीं होता-
How many languages do know?
Just one - Frequency
#energiesdon'tlie
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People who get angry at you... Are somewhere burning in an inner fire
Reacting to them.. Only fuels the fire
Respectively, firmly and gently... Guide them to peace
Try it..-
Accept people the way they are
You are not here to change them
Let them be... Their journey is theirs-
जो प्राप्त है वो पर्याप्त है
Give gratitude
You have more than you need
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