Arpan Jamwal   (Arpan jamwal)
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Joined 4 February 2019


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27 MAR AT 10:56

आँखें बसंत का उत्सव मना रहीं,
और दिल उदासियों का शोक,
बातें कर रही खामोशियां
मौन पड़े हैं शब्द... !!!

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5 JAN AT 23:41

आंख से ओझल हो जाते हैं,
बीते लम्हें जब पखेरु हो जाते हैं !!!

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15 OCT 2023 AT 10:39

स्मृतियों को याद कर,
उन क्षणों को दोहराने की,
जिसमें तुमने प्रेम को जिया था !!!

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16 JUL 2023 AT 22:21

कि ये लम्हा गुजर जाए,
सुनो ! ये दिन बारिशों के हैं,
क्यूं ना प्रेम में भीगा जाए !!!

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24 JAN 2023 AT 20:57

कितना भी कुचलोगे,
कितना भी मसलोगे,
फ़िर से हरी हो जाएंगी।
हरी दूब सी हैं लड़कियां....
, फ़िर से खड़ी हो जाएंगी !!!

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27 DEC 2022 AT 21:39

क्या शेर कह गए हो, तुम गालिब !
हर एक गम तुम्हारा,अपना सा लगता है !!!

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18 NOV 2022 AT 12:12

गुजर रही है नवंबर की
मखमली सी सर्द छुअन,
दस्तक दे रही है धीरे से,
दिसंबर की कड़क चुभन।
तुम आओ जलाओ
अलाव! इश्क़ का,
कि सर्द इन रूहों में जज़्बातों की
तपिश जरा सर सरा जाए !!!

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9 NOV 2022 AT 22:45

जो तुमसे कहनी थीं,
सब मेरे मौन में रहीं,
मेरे मौन की भाषा,
तुम कभी जान नहीं पाए!
तुम्हारी बारहखड़ी में,
मेरे मौन की भाषा
शामिल नहीं थी। !!!

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30 AUG 2022 AT 11:13

संघर्ष करते हुए,
जीवित रहना !
ठीक वैसे ही है,
जैसे धारा के विपरीत,
मछली का तैरना !!!

~अर्पण

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15 AUG 2022 AT 7:28

हर सिम्त में फैली है बस तेरी ही खुशबुएं,
हरसू महक रहा है तू दैर ओ हरम के लोबान सा!!!


जय हिन्द

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