मांसाहार कोई विकल्प नहीं
अपने भगवान और अल्लाह को खुश करने का
इसका सेवन सिर्फ आपकी पसंद है
बलि और हलाल के नाम पर
किसी के मूक जीव के प्राण ले कर
कहते हो की इससे उपर वाला खुश होता है
अरे वो अपनी ही संतान के प्राणो के उपहार से कैसे खुश हो सकते है
सेहत के नाम पर तो कभी औषधि के नाम पर
बाज नहीं आता इंसान अपनी हरकतों से
अरे भाई सेहत तो शाकाहार से भी बन सकती है
क्यों किसी मासूम से फूल को खिलने से पहले तोड़ देते हो
क्यों किसी माँ को उसकी मासूम जान से दूर करते हो
क्यों अपने स्वार्थ के लिए एक जान लेते हो
क्यों अपनी जीभ के स्वाद के लिए किसी की पूरी जिंदगी लील लेते हो😐
-