life realizes me what I would have been.
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Arnav Upadhyay
(अर्णव उपाध्याय एडवोकेट)
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चलो आज कुछ बात करते हैं।
निकाल के बाहर अपने जज्बात रखते हैं।।
लोग ढूंढ रहे थे हमें खबरों और ... read more
निकाल के बाहर अपने जज्बात रखते हैं।।
लोग ढूंढ रहे थे हमें खबरों और ... read more
Joined 8 November 2017
13 APR AT 19:28
वक्त अपनो की याद दिलाता है
वक्त बहुत कुछ सिखाता है
वक्त आने पर ये वक्त सब कुछ दिखाता है।-
6 APR AT 12:21
आशिकों से शिकायतों का सिलसिला कहा कम होता है ।
नजरों के सामने जब आ जाए वो तो आंखों में सिर्फ ग़म होता है ।।-
6 APR AT 9:10
Sometimes we lose people because
we love to be in pain
for our family gain.
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4 APR AT 0:12
जब मिल जाता है धोखा दो चार से ।
फिर आशिक खुद व खुद होशियार हो जाता है ।।-