Sometimes we have to ignore
Sometimes we have to take it lightly
Sometimes we have to accept it
Sometimes we have to strongly react to it
Sometimes we have to act wisely
Sometimes we have to let it go
Depends on the situation
Sometimes we have to choose one of the above options
So relax
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ज़िंदगी एक तमाशा है और हम सब एक अभिनेता,
जिसको जो जो भूमिका मिली है — हस कर निभाते जाइए बाकी उस पर छोड़ दीजिए जिसने वो भूमिका दी है आपको।-
love is not mend to be old and buried it's just like a plant which you have to nourish daily.
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खुदगर्ज़ी को बीमारी कहना बेशर्मी हैं। बीमारी एहसान मंद बनाती हैं खुदगर्ज नही।
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ख़ुद से बेज़ार होना भी अजीब मसला हैं।
तंग आकर ख़ुद को छोड़ भी नहीं सकते।-
मगरूर इंसान भरी महफ़िल में भी अकेला होता हैं। मगरूरियत उस सियाह रंग की तरह होती हैं जिस पर कोई रंग नहीं चढ़ता।
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"चाहत फिर इबादत"
फिर तुम्हारी आदत होने लगी हर शाम की चाहत होने लगी मेरे बंद दिल के दरीचओ पर एक खुदा की इबादत होने लगी।
दरवाज़े और पैर की आहट को सुनने लगी में दिल थाम कर। फिर तुम आए तकती रही में देर तक और दिल में बनाती गई मंसूबे तुमसे बात करने के।
फिर इंतजार की घड़ी तकती रही आसमान को जब काले बादल में खिल उठता हैं सफेद चांद।
अगले अध्याय में मिलते हैं।-
"मुंडेर पर खड़ी मुस्कुराती लड़की"
लाल कुर्ती खुले बाल मैं मुंडेर पर खड़ी मुस्कुराती थी।
यूं तकती थी तुम्हे जैसे सब कुछ भूल जाती थी।
कहती थी मुझसे की तुम दिखे फिर क्या देखू तुम हो तो फिर क्या सोचूं।
ज़्यादा वक्त नहीं बीता था हमारे पहचाने हुए रिश्ते को फिर चूहा था तुमने तो मुझे मोहब्बत पर ऐतबार आया था। अगले अध्याय में मिलते हैं।-
मेरे गेहरे रंग तमाशा हो गए।
मेरी बातें आम हो गई।
मैंने किताब को अपना समझा पर वो किताब हर सुबह का अख़बार हो गई।-