है इबादत यही—
मन के मंदिर की मूरत बनो तुम।
भोर हो, आँखें खोलूँ,
सामने रहो तुम,
और मैं मन की तृप्ति तक निहारूँ।
कुछ इस कदर मेरे जीवन में
ज़रूरी बनो तुम। :)-
》Hailing from the sanctified realm of Ayodhya, I presently reside... read more
मेरे लिए बूंद भी तुम,
और सागर भी तुम,
अगर बूंद बन बरसोगी तो तुमको खुद में महसूस करूंगा,
और सागर बन समेटोगी तो तुममें कही विलीन हो जाऊंगा।-
तुम्हारी बातों में
एक अनकही धुन है,
जैसे शांत झील की सतह पर
कोई छुपा तूफान।
तुम्हारे करीब आकर
सांसें अपनी चाल भूल जाती हैं,
और शब्द,
बस बेजुबान हो जाते हैं।
तुम्हारा होना ही
जैसे सर्द हवाओं में
सूरज की पहली किरण हो,
जो दिल को छूकर
आत्मा तक पिघला दे।-
As mash whatever thee pay
Makes me peculiar and elate
And because of thy presence , all say
I am fortunate .-
इज्त़िराब था नर्गिस में
लफ़्ज़ों में असरार था हिज़्र का
फक़त उसका आलिंगन ही था
जो मुझे खुल्द़ लगता था ।।
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दिल में ख़लिश है लर्जिंश है,
तू थोड़ी फ़राग़त निकाल,
आगो़श में ले तस्की़न कर मुझे;
मैं तेरे सीने से लगकर..
खुद की नीलामी से..
महफ़ूज़ होना चाहता हूँ :)
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She has accepted the anklet as a gift.
Now my devotion will play at her feet.-