Aritra Das   (Aritra/বিতান)
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Joined 27 February 2018


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9 AUG 2022 AT 11:42

বলি কি থেকে যা না
একটু আগলে রাখি তোকে;
এল গেল, না জানে কত
পারলে থেকে যা না তুই,
না যদি পারিস থাকতে
নাহয় থেকেই যাবে একটু ক্ষত
তবে যদি থেকে যেতে পারিস;
আগলে রাখবো, নিজের চেয়েও বেশি ...

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2 AUG 2022 AT 19:37

ज़ख्म आप कितने देदो
हम वापस से खड़े हो जाएंगे;
आप तोड़ोगे हमें मगर
हम वापस से समट जाएंगे,
पराया चाहे कर दो हमें
वापस इस मिट्टी में ही आएंगे;
चाहे भूल जाए ज़माना हमें
हम इस मिट्टी में ही मिल जाएंगे ...

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8 JUL 2022 AT 21:19

ये रेत सी जिंदगी मेरी
बहती रही है लहरों के संग;
इसे उठा लेगी हाथों में तू,
तो थम जाएगी होके मलंग;
जकड़ेगी तू इसे मुठ्ठी में तो
उड़ जायेगी ये जैसे पतंग ...

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2 JUL 2022 AT 18:20

जान लेना ऐ दिलरूबा
जिन हाथों को तूने थामा नहीं;
उनकी लकीरों में तू छप चुकी है,
जाना कि तू कहीं और है अब
मगर इस दिल में, तू बस चुकी है ...

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2 JUL 2022 AT 2:14

ওই হাসিতো আমি দেখিনি আবার করে
সেই মায়া কাটাতে পারিনি আজও,
ভালোবেসেছিলাম নিজেকে উজাড় করে;
তাই নিজেকে পাগল বলি, নেই লাজও ...

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5 MAY 2022 AT 0:33

তোমায় নিয়ে স্বপ্ন গুলো;
চিলতে আলোয় আকাশ খোঁজে,
ছোঁব তোমায় আবার করে
ঝড়ো হাওয়ায় বাতাস সেজে ...

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1 MAY 2022 AT 22:37

जहां जिक्र तेरे नाम का हो जाए;
चाहे भूलने का फिर पैगाम आ जाए,
तू याद रखना ऐ हसीन
ये इश्क़ है, कोई ज़ख्म नहीं;
जो वक्त के साथ मिल जाए ...

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30 APR 2022 AT 23:44

তোমার নামে হারিয়ে থাকার;
যে সুখ ছিল অন্তরে,
বৃষ্টি এসে ভিজিয়ে দিল
কালবৈশাখীর এক ভোঁরে ...

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13 JAN 2022 AT 1:57

वो अवसर अब मिलता कहां है
जिनमें बैठ तुझे सोच पाऊं;
वो वक़्त अब मिलता ही कहां है
जिनमें तेरे सपनों में खो जाऊं,
कुछ सपने दिखाए थे तूने;
कुछ टूट गए, कुछ कर रहा हूं पूरे।
बेरंग सी जिंदगी थी
अब भी बेरंग है;
रंग बस उतने ही थे,
जो तूने खुद घोले थे।

अक्सर कहते हैं लोग
कुछ सपने होते हैं;
जो जिंदा रहना सिखाते हैं,
शायद पता नहीं उनको
कोई आती है जिंदगी में;
जो सपने देखना सिखाती है ...

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3 DEC 2021 AT 4:41

अनकही बातों को
कभी कहना ना चाहा;
उलझे हुए अल्फाजों को
सुलझा भी ना पाया।
पता नहीं कितनी रातें
कांटी थी उनकी यादों में;
जो उनकी हंसी की किरणों ने
कभी गिनने ना दिया ।
नशा था उनकी आंखों में;
जो कभी पी नहीं पाया
बस शराब में रह गया,
पता नहीं ये इश्क है;
या है कुछ और,
उन्हीं का होके रह गया ...

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