Arihant Jain   (कुछ अन्कहे शब्द)
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Writer, actor
@anvaratttheatre
Instagram id- arihant_jain0143
Joined 13 January 2021


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8 OCT 2022 AT 1:12

आज भी कुछ उनके छायाचित्र सहेज के रखा हूं,
ताकि उनकी अच्छाइयां भूलूं नहीं,
आज भी उस मौसम, त्यौहार में प्रेम पा लेता हूं,
क्योंकि आज तक मैंने किसी के आकर्षण को पकड़ा नहीं,
वो बात करने का समय आज भी समर्पित है उनको,
ताकि मैं उनसे बोल सकूं 'याद तो भूलने वाले किया करते हैं'
मैने बिन सुने, बिन समझे इश्क़ किया, ताकि वो बेवकूफ कहें
और उस कहावत को सच्चा कर दें, कि उन्हें पाने में नहीं बल्कि उनकी तड़प में इश्क है।
-arihant

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6 OCT 2022 AT 10:55

एक दिन ऐसा आएगा नाम जानेगी दुनिया मेरा और ये शरीर नश्वर हो जायेगा,
खिल खिलाएगी ये जनता व लेखनी पढ़ मेरा दृश्य बनाया जायेगा,
ज़िंदा रहते न जान सके मुझको, मरकर मेरा लिखा हर पन्ना तुझे दुख -सुख का बोध कराएगा,
रो-रो के मैं बन गया राख़ उस दिन और मरणोत्तर……
मैं अपनी लेखनी से पहचाना जाऊंगा….मैं अपनी लेखनी से पहचाना जाऊंगा……
-arihant

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5 OCT 2022 AT 1:48

बगुला बन पानी बैठा, पा मीन ले लिया सुख चैन,
अरे स्थिर पानी के मोह ने, भुला दिया कैसे मिले आसमान से नैन।

अरे मैं बैठो सूखी लकड़ियां पे, भूल गाओ जा है काल की रीठ,
कीड़े चुन चुन खा रहा, और याद नहीं कैसे की थी हवाओं से बातचीत।
-arihant

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1 OCT 2022 AT 1:07

मैं हू व हू हो के इश्क की वजह पूछता हूं,
या खौजा...
अब मैं सुकून के लिए इश्क का दर्द ढूंढता हूं।
-arihant

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29 SEP 2022 AT 21:45

वर्षो पहले इसी मौसम में,
एक मीठी नदी की बाढ़ आई थी,
मेरा मन आज भी सहेज के रखा है उसकी नमी को,
क्योंकि उसमें अब जल कहा, वो नदी तो सागर बन चुकी है।
-arihant

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17 SEP 2022 AT 18:41

सुक्रिया उस प्रियशी का जिसने मुझे वियोग लिखने का अवसर दिया,
पर हे नभ, अब मैं शृंगार और वात्सलय लिखना चाहता हूं।
-arihant

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17 SEP 2022 AT 18:33

वो रात भी बहुत दर्दनाक थी,
जब उन्होंने मेरे आसूं पोंछे थे!
-arihant

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10 SEP 2022 AT 12:27

रहबर कहता है क्यों कर रहा हैं मुझसे फ़रियाद
क्या मैने बनाई थी तेरी मंज़िल या ले के आया था इन ऊंचे शिखरों की सौगात।

तूने ना देखा उन ख़ूबसूरत रास्तों का चमत्कार,
और मंज़िल पा मुझसे कहता है किसने लगाई थी पुकार,
भूल गया जब तू लगा रहा था मुझसे दौलत-सोहरत की गुहार,

अरे चलता फिर रुकता, गिरता फिर उठता
तब जान पाता मंज़िल की खूबसूरती के क्या है राज़ !
-arihant

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8 SEP 2022 AT 22:16

मैंने आज भी उस कुर्ते को धोया नहीं, जो तुमने आखिरी रात पहना था ।

-arihant

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29 AUG 2022 AT 13:43

मैं सूखे कचरे की तरह पड़ा था सड़क पर,
उसने समेटा माचिस की जोत को आग बनाने के लिए,
-अरिहंत

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