गैरों से, अपने मुश्तकबिल का मशविरा हम नही करते।
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जारी है,
पर ये मेरा मन
विचलित क्यों है
जब जीत भी अपनी है
और हार भी
हमारी है... read more
सर्दियां तो हर साल आती हैं,
पर वो, स्कूल वाली सर्दियां
अब नही आतीं,
अब तो सर्दी में भी रोज नहा लेते हैं,
पर वो, सिर्फ मुह धो लेने वाली ताजगी
अब नही आतीं,
वतानुकूल टिफिन आ गए हैं अब,
पर वो, स्कूल मे सर्दियों के ठंडे टिफिन की खुशबु
अब नही आती,
सर्दियों का मज़ा तो अब भी लेते हैं,
पर वो, नाक छुकर तापमान बताने की कला,
अब नही आती,
अब ऑफिस जाने के लिए समय से उठते हैं,
पर वो, पांच मिनट और सो लेने की कला
अब नही आती,
कुहरा या धुंध अब भी आता है,
पर वो, स्कूल वाली सर्दियों की छुट्टी
अब नही आतीं,
सर्दियां तो हर साल आती हैं,
पर वो, स्कूल वाली सर्दियां
अब नही आतीं।-
निखरती सुबह हो,
या ढलती शाम,
बस कुछ ऐसा हो कि
तेरी याद से कभी ग़ाफ़िल न हो।-
कभी कभी सोचता हूं,
जिंदगी में सिर्फ खुशिया होती अगर
तो कितना अधूरापन होता
गम के बगैर।
गम है,
तो खुशियों की चाहत है
खुशियों का क्या ही मोल होता
गम के बगैर।-
आधा हो या मुकम्मल,
है तो फिर भी चांद ही,
आज अमावस है, तो
चौदहवी की रात भी आयेगी।-
हर सवाल का जवाब
जरूरी नही होता,
हर बात जानना
जरूरी नही होता,
कुछ बातों को जानकर भी
अनजान बने रहना होता है,
बहुत सी बातें ना बताने से भी
रिश्ता बना रहता है।-
बाप का प्यार बेहिसाब होता होता है,
औलाद के ही आँखों में हिजाब होता है।-
अजीब हालात हैं
नौकरी किसी और शहर में
घर किसी और शहर में
और नौकरी के बिना
घर चलता नही है😣-
इंसानियत के पतन की
अजीब सी हद है,
पर्दे से नफरत करना
सिखाया जा रहा,
कभी ग़ज़ा में,
कभी लेबनान में,
इंसानियत का मज़ाक
उड़ाया जा रहा,
रोज़ बारूद के ढेर
जलाया जा रहा,
बस्तियों से इंसानों को
भगाया जा रहा,
हजारों को जिंदा
जलाया जा रहा,
ऐसे नाज़ुक और
बेदर्द घड़ी में,
नग्नता को हीरो
बनाया जा रहा।-