हर किसी को मयस्सर नहीं
मां-बाप की ख्वाबीदा इनायत ।
ये तो बस एक मोत्ज़ा है
करा दे जो सफ़र-ए-जन्नत ॥
नसीबवालों को ही अता है
नवाजिशों से भरी ये कायनात ।
ग़रीब तो गुरबत में ही है
सब्र की ताबीज़ के साथ ॥
मयकशों का तो दीन ही नहीं
ये बाग़-ए-उंस की है रिवायत ।
अबतार उनकी जिंदगी है
आशना की है ज़रूरत ॥
कातिब की अब रूखसती है
मुख्तलिफ अहद के साथ ।
अल्फाज़ की रफ़्तार धीमी है
हर्फ के काफ़िले के साथ ॥-
Arfa Javaid
(Arfa Javaid)
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Jagran New Media l Author । Writer । Blogger । Journalist । Poet
New Delhi
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Joined 4 February 2018
13 JUL 2021 AT 18:57
15 APR 2020 AT 13:33
Law of Attraction:
Imagine yourself with the one who doesn't love you until your imagination becomes reality.-
29 JAN 2020 AT 23:29
ताउम्र दिल की धड़कनें साथ निभाती हैं,
दिल में धड़कने वाला इंसान नहीं!-
10 DEC 2019 AT 22:23
इश्क में बेहूदगी का इल्ज़ाम सिर्फ हम पर क्यूँ,
सर्द रात में जज़्बात तो तुम्हारे भी बहके थे ।
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30 OCT 2019 AT 17:46
Kitni maghribo tak tera intezar karein
Tere shehr me azan nahi hui kya?-
28 SEP 2019 AT 22:34
हमसे अच्छी किस्मत तो उस नकाब की है,
जो हर रोज़ उनके चेहरे का दीदार करता है।
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