Itni si baat tum kyu nhi samajhte ho
ye ishq hai ishq jo tum mujhse karte ho.
Iss Zamaane mein maujud hai aur kitne majau
Par woh ek baat tum kyu mujhse karte ho.
Ye ishq hai ishq, jo tum mujhse karte ho.-
मरते हैं आज भी हम तुम पे
जी-जी कर बस थोड़ा- थोड़ा।
कह दो ना यूंही कुछ हम से
हँस- हँस कर बस थोड़ा-थोड़ा।
ये दिल है रूका, रुक जाओ तुम भी
रूक-रूक कर बस थोड़ा-थोड़ा।-
ये हक़ है तेरा कि तू हक़ मुझ पर जताएं,
हो कोई ग़म-ओ-गीला तो आ कर मुझको बताएं-
तितलीयों के रंगीन परों में जो रंग भरता है,
कागज़ों के हसीन ख़तों में जो हुस्न रखता है,
दरवेशों के ज़हीन मनों में, जो ज़हन देता है,
सितारों के ज़रीन कणों में जो तरंग भरता है,
वही मेरा रब है।
फूलों की महक को फिज़ाओं में जो बिखेरता है,
चाँद की चमक से रातों में भी उजाले जो देता है,
चिड़ियों की चहक में स्वर जो भरता है,
जुगनूओं के दमक में नूर अता जो करता है,
वही मेरा रब है।।-
हमीं देखें या अब कोई मंज़र
देखे तुम्हीं हो मेरी नज़र.
धड़कता है क्यों इतनी दफा
करता है जो तेरी फिकर..-
वो तस्वीर अब धुंधली पड़ गई है
जिसे देखे मानो जमाना हुआ।
कौन याद रखता है ताउम्र तुमको
गरजे न ज़ख्म दिया फ़साना हुआ?-
बारिश!
उसके जाने के बाद भी होती है बारिश
धूल गये सारे ख्वाहिश
उसके जाने के बाद भी है एक ख्वाहिश
हम मिले फिर और हो बारिश।-
दिख रहे हैं चाँद-सितारे
और नभ में कितने सारे है,
मैं भी चमका किया कल
टूट गया आज वो तारे हैं।-
पल भर की खबर ही नहीं
क्यों करते हो तुम वायदे ज़माने-ज़माने की।
मेरी चाहतों में सदियाँ काफी नहीं
क्यों रखते हो तुम शर्त निभाने-निभाने की।-