Archit Kumar  
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Ludhiana, Punjab
राक्षस
Joined 3 September 2018


Ludhiana, Punjab
राक्षस
Joined 3 September 2018
8 FEB AT 23:58

यूं ही थोड़ी ना टकराए होंगे हम,
थोड़ी साज़िश ख़ुदा की भी रही होगी,
बातें तो वैसे हर रोज़ होती है,
कुछ बातें पर अनकही होंगी,
वैसे तो कोई मुश्किलें नहीं हैं,
पर कुछ मजबूरियां ज़रूर रही होंगी,
आँखों में यूं तो चमक रहती है,
पर अकेले में वो भी खूब बही होंगी,
लड़ जाते हैं यूं तो अकेले दुनिया से,
एक दूजे के लिए ना जाने कितनी बातें सहीं होंगी,
मांगता है दुआ में मेरे लिए हर ख़ुशी,
मेरे अलावा उसकी कोई ख़्वाहिशें नहीं होंगी |

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27 AUG 2024 AT 20:35

अजीब सा सुकून है इस गैरमौजूदगी में...,
दूर रहकर सिखा रहा है सबसे क़रीब वही है...|

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20 JUL 2024 AT 13:42

अंजान हैं अभी के ये रास्ते कहां ले जाएंगे...,
ना जाने किस मोड़ पर आकर हम टकराएंगे...,
सफ़र की शुरुआत में हम अकेले ही सही...,
यूं ही किसी राह में हमसफ़र बन जाएंगे...|

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30 JUN 2024 AT 13:11

अजनबी होकर भी तू सबसे ख़ास है...,
कहने को तो बस तेरी यादें ही पास हैं...,
दिल की बातें दिल तक ही रखी जाएं...,
अजनबी ही रहेंगे हम मुझे भी एहसास है...|

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11 APR 2024 AT 23:15

वो जो रहते थे कई दिनों से खफ़ा...,
उनकी मुस्कुराहट वापस ले आई ज़रा सी कोशिश मेरी...|

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2 APR 2024 AT 23:27

वो तारे ही गिनते रह गए...,
और पूनम की रात अमावस हो गई...|

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19 DEC 2023 AT 22:37

बेवकूफ़ तो समझेंगे ही लोग...,
साफ़ दिल जो लिए घूमता हूॅं...|

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12 DEC 2023 AT 23:18

हर रोज़ एक नई सज़ा मिल जाती है...,
गुनाह सा ही लगता है तुमको चाहना...|

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29 NOV 2023 AT 23:48

यूं अनदेखा जानबूझ के करते हो या अनजाने में...,
वक़्त ही नहीं लगता तुम्हें हवा की तरह बह जाने में...,
डर जाता हूं तुम्हें अपने दिल की बात बताने में...,
गुज़र जाता है पूरा दिन बस खुद को समझाने में...|

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31 OCT 2023 AT 22:57

अंधेरे को छोड़ रोशनी में चला था...,
दिल में एक ख़्वाब हसीन पला था...,
बनावटी दुनिया नहीं है मेरे काम की...,
ऐसी ज़िन्दगी से तो अंधेरा ही भला था...|

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