जिंदगी के सफर में थक कर बैठा इंसान सा हू
थोड़ा सा ही सही पैर के काटो से परेशान सा हू
यू तो सफर में हर किसी के होती हैं मुश्किलें
पर लगता है जेसे मैं उनका पसन्दीदा इंसान सा हू-
कठोर हो गया है दिल ग़मों को छुपाते छुपाते
हर एक दिन हर पल मन को सब्र दिलाते दिलाते
हर शख्स को पता चल चुकी है मेरी उदासी की बजह
बस थक गयी हू तो तुम्हें बताते बताते-
जिंदगी में कुछ नहीं है ग़मों के अलावा
नीद मे कुछ नहीं सपनों के अलावा
और हमारी दिल मे किसी और के लिए कोइ जगह नहीं आपके अलावा
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उसके पंखों को कभी खुलने नहीं दिया गया
उड़ना चाहती थी वो पर उड़ने नहीं दिया गया
लोगों की बातों को उसकी जिन्दगी का हिस्सा बना दिया गया
और फिर एक बार उस लड़की के सपनों को दबा दिया गया-
कोइ गम नहीं हर तरफ खुसी है
साथ है तू तो मुझे क्या कमी है
जिंदगी के इस सफर मे कोइ मोड़ नहीं आएगा
और इस दिल मे सिवा तेरे कोइ और नहीं आएगा-
कौन कहता है लड़के हर चीज को दरकिनार करते है
दिखाते नहीं है पर सबकी फिक्र हर बार करते हैं
माँ बाप के सपनों का सिर पर भार रखते है
और लड़के ,साहब सबसे पहले अपना परिवार रखते है-
लोगों की आदत भी कितनी खराब है
सीधेपन को वो समझते अपराध है
दूसरों की खुशियो से वो जलते आज है
देखो ना ज़माना कितना ख़राब है-
कुछ जलने वाले भी होने चाहिए
लोगों को अपनी कामयाबी से जलते देखने का मजा ही कुछ और है-
लफ्जों से हर तो कोइ समझ लेता है
जो आवाज सुनकर बता दे उदासी की बजह ऐसा चाहिए-
इस दहेज की परम्परा भी पता नहीं किसने बनाई
इसी प्रथा के कारण बेटियाँ कहलाती है पराई
बेटी के बाप ने उनके दरवाजे पे गुहार लगाई
मेरी बेटी को मिले जीवन भर की खुशिया
चाहे दाव पर लगानी पड़े मुझे जीवन भर की कमाई
उन लोगों ने बाप का प्यार देख अपने बेटे की कीमत और बढ़ाई
बेचारे बाप ने अपना घर बेच बेटी की खुशिया बचाई
Part - 1
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