लिखूंगी किसी दिन एक कहानी को
तुम शिकायत करना मैं सुनूंगी!!
खोल देना अपना किताब- ए - दिल दरमियां मेरे......
मैं अनसुलझा जज़्बात भी तुम्हारा ख़ुद में उतार लूंगी!!
हमारे इश्क़ का आंकड़ा भी बैठा लेना...
तुम्हारे शिकायत का हर पन्ना मैं सुलझा दूंगी!!!
करना इश्क़ बेपनाह मुझसे....
तुम्हारे इश्क में ज़रूरत पड़ा तो....
दस्तूर - ए -ज़िंदगी भी अपना नीलाम कर दूंगी!!!-
Ex navodian...
Self lover
Believed in true love💞💞
Hobbies:::w... read more
सनाटी रातें और मेरे सपने
गुफ्तगू बहोत करते हैं आजकल!!
आंखों की नींदें और कागज़ों में धंसी मेरी आंखें,
शोर बहोत करते हैं आजकल!!
फिर भी कमज़ोर पड़ जाती हैं मेरी नसें??
वजह??
दूर देश में मेरा बहोत ज्यादा अकेले पड़ जाना है!!!-
महीनों से पड़ रहीं थीं सिलवटें
सोच में मेरे?
या डायरी के पन्नों में???
अंजान हूं मैं सबसे..
वजह है.... नज़्म लिखने के लिए
मेरे देश की सोंधी मिट्टी नहीं मिलती आजकल!
ना हीं जज़्बात ठहरते हैं दिल पर व्यस्त सी इस जिन्दगी में!!
सिर्फ़...
ख़ामोश हो कर रह जातें हैं मेरे अल्फाज़
जैसे की.....
कल के जैसे आज भी कोरे कागज़ की तरह
रंगीन स्याही की ख़ोज में भटक रहे हो
दर - बदर!
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वक्त के साथ सूख रहे हैं, यह गुलाब,
मगर तेरा इश्क आज भी यादों में है ।
क्योंकि मुझमें तुम हो, मेरे स्वांस की तरह जीवित,
जैसे मेरी अंतरचेष्टा पुकार रही हो तेरे आत्मा को।।
आओ कहीं से हवाओं में बहकर और भर लो
बांहों में ,जैसे बिन पानी का मछली जीना भूल गई हो!!!
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मोहब्बत या तो है या नहीं! बीच का कोई संदेह नहीं,,
जिश्म की चाहत पाल लिया अगर तो, यह मोहब्बत नहीं!!-
आवारगी, बेपरवाही, लापरवाही जो समझना है समझ लो,
यार हम तो बेपरवाह हीं सही,,ख्याल तो अपनों का रखते हैं!-
कभी राम, कभी कृष्ण,कभी विष्णु का अवतार लिए,
जगत के सारे दुख को खुद में हार लिए!
कृपा सदा यूँ हीं बनाए रखना!!!
हे जगत का दुःख हर्ता,,,
कभी प्रेम, कभी क्रोध.... कभी कृष्ण के बाल अवतार
का छल,,, आजीवन संसार पर बनाए रखना!
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