धुँधला-सा
जो पर्दा था
मानो धीरे-धीरे हट रहा हो
जैसे सफ़र से इश्क़ हो रहा हो।
ख़ामोशियों में
जो ये हौंसला पल रहा है
मानों मंज़िलों से काँटो को दूर कर रहा है।
थोड़ी बेचैनियाँ अब भी है
थोड़ी राहें कठिन अब भी है
लेकिन कोई नहीं
मुश्किलों में हुनर और खिलता है
इन्सान अपनी ज़मीं से जुड़ता है।
उसपे विश्वास रख
हम खुद को और बेहतर बनायेंगे
ऐसे ही थोड़ा-थोड़ा करके
हम हर राह में कमल खिलायेंगे।-
Bloom like a flower, soft and true,
Let your fragrance brighten all you do....-
Some emotions are not meant to be expressed,
They’re felt in silence, where the heart finds rest
- No words, no voice, just a quiet embrace,
That brings pure peace in its own sacred space....-
अज़ीब है! ये तुम्हारे शहर की बारिशें
मन को तो भिगोती ही नहीं..
सुकून से ज्यादा तो थका देती है..
-
नहीं मैं नहीं हूँ Perfect
बहुत सारी गलतियाँ करती हूँ
कभी किसी और का दिल दुखाती हूँ
तो कभी खुद का।
जाने अनजाने में
कभी-कभी गलत फ़ैसले भी लेती हूँ।
हर बार अच्छा perform भी नहीं करती
बहुत सारी ग़लतियाँ करके सीखती हूँ।
कभी-कभी थक जाती हूँ खुद से
तो ठहर जाती हूँ।
ज्यादा जी भर आता है तो रो देती हूँ।
खुद से सवाल बेहिसाब करती हूँ
जवाब की तलाश में अक्सर चुप हो जाती हूँ।
जब एहसास होता है कुछ गलत होने का
तो खुद को एक मौका देती हूँ
धीरे-धीरे करके खुद को खुद ही सँभाल लेती हूँ
कुछ इस तरह अक़्सर खुद को मैं गले लगाती हूँ।-
खुशियाँ क़िताबों में है,
किसी कविता की पँक्तियों में है।
चाय की चुस्कियों में है
घर लौटती साँझो में है
उठते-गिरते जज़्बातों में है।
सच कहूँ तो खुशियाँ
हमारे अँदर है
संभावनाओं का जहाँ समन्दर है।
जिसमें जितना गहरा उतरोगे
उतनी बन्द खिड़कियाँ खुलती जायेगी
नामुमकिन था जो पहले
वो मुमकिन हो जायेगा।
एक बुझा-सा चेहरा
ख़ूब जगमगायेगा।
In short खुशियाँ हमसे है
अपनों के खिलते चेहरों से है
उनके होने से है
खुशियाँ हमारे एक होने से है!!!-
जिन जुगनुओं को अपनी रोशनी पे भरोसा होता है
वो अँधकार से नहीं डरते!!!-