Archana Rani   (R. Archana)
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Joined 12 July 2020


Joined 12 July 2020
15 MAY AT 0:10

जिसे हो कुबूल..वो ही ओखली में सिर डालना !

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14 MAY AT 23:53

कहीं सपनों की बलि चढ़ रही,
कहीं अरमानों का निकल रहा जनाज़ा,
वक़्त का है यह कैसा सितम….
वक़्त ही निकला सबका ख़ूँ-रेज़….!

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9 MAR AT 0:10

स्त्री……जीवन का केंद्रबिंदु….सृष्टि की वो धुरी ….
उसे समर्पित करने के लिए सिर्फ़ एक दिन…?? किसे है यह सूझी…????

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30 JAN AT 18:07

ढलता हुआ सूरज देता है संदेश..
तनिक विश्राम कर ,पथिक !
जीवन के दुरूह मार्ग पर भी
कल बिखरेगी
उम्मीदों की सुनहरी आभा !

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30 JAN AT 17:38

अद्भुत जीवन….
कभी है पतझड़
कभी वसंत… !

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24 JAN AT 23:15

धन-दौलत….हीरे-जवाहरात…
क्या हासिल होगा अंधी दौड़ में होकर शामिल …!!
ला पाओ गर किसी के जीवन में खुशियाँ ,
समझो… तुम्हारे जीने का मकसद हुआ कामिल !

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24 JAN AT 0:26

धन-दौलत….बेशक….
लाते हैं जीवन में
सुख-चैन और आराम !
पर…
हमें…हमारी ही क्षमताओं से….
परिचित कराती है
जीवन की पुर-ख़ार राह !

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23 JAN AT 22:57

दोस्तों के साथ …
मनमोहक हुई
दुर्गम राह !

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16 JAN AT 12:57

घना कोहरा ..
हाड़ कँपाती ठंड ..
थमा जीवन !

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16 JAN AT 12:24

व्यथित मन
पतझड़ समान
जीवन संध्या !

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