जब प्यार होता है
तब प्यार समझ नहीं आता
जब तक समझ आती है
तब तक प्यार प्यार नहीं रहता-
भावनाओं को पन्नों पर लिखन... read more
सब कुछ वही है पर ना जाने क्यों
कुछ बदल सा गया है तेरे मेरे बीच
तू तो वही है पर तू नहीं है जाने क्यों
बेबाक सा रिश्ता अपना अब झिझक और खामोशी के साए में सिमट गया है
सब कुछ वही है पर ना जाने क्यों
कुछ बदल सा गया है तेरे मेरे बीच-
तुम्हारा घर....
जहां हर कोने में यादें हैं तुम्हारी
तुम्हारी गैर मौजूदगी में जहां खामोशी भी गूंजती हैं
तुम्हारे साथ गुजारे लम्हों की चीखें शोर मचाती हैं
तुम्हें फर्क भी नहीं पड़ता मेरी गैर मौजूदगी से
पर मुझे ये खामोशी भी खाए जाती है हर रोज़ तेरे बगैर-
कोशिशें की लाख मैंने
भुला दूं तुझे मैं भी
जीना सीख लूं तेरे बिन
तुझसे दूर रह कर खुश
रह लूं मैं भी तेरी तरह-
इतनी कमज़ोर तो नहीं थी
हमारे रिश्ते की डोर
फिर क्यूं इतनी गांठें पड़ गई इनमें-
अब सब्र करना चाहते हैं
शिकायतें कर ली बहुत
अब खामोश रहना चाहते हैं-
रिश्ता तो हम दोनों का था
फिर ये बढ़ते फासले सिर्फ
मुझे ही क्यूं दिख रहे-
कुछ रिश्ते इसलिए भी खामोश हो जाते हैं
क्योंकि उनमें सुनने वाला कोई नही होता-