कोरे कागज पर
कोई अपनी अनुभव लिखता है
तो कोई किसी की संवेदना -
समझ सबकी अपनी-अपनी
किसी को वो बनावटी लगे
तो किसी की उमर आए करुणा ....-
Archana Jha
(अर्चना झा अन्नू)
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Joined 14 May 2021
18 MAY AT 12:46
17 MAY AT 0:08
मैं पूजूं तुझे तो तब ना कान्हा
जब तुम में मुझे कोई और दिखे
जब मैं खुद हो गई तेरी छवि
तो मैं खुद की पूजा बोलो कैसे करूं ...-
16 MAY AT 21:35
मन मंदिर में दीप आस की
बिना बुझे ही जलती रहे _
मेरे सर पे मेरे मालिक का हाथ है
ये विश्वास मुझमें सदा-सदा ही पलती रहे 🙏-
16 MAY AT 17:31
विचार और व्यवहार में समानता तभी आएगी
जब हृदय में करुणा और संवेदना दोनों जागेगी-
16 MAY AT 11:05
सुबेरे सुबेरे मेरे साथ
चल देता है मेरा सपना _
वो किसको अपना हमदर्द समझे
मेरे सिवाय उसका , है ही कौन अपना !!-
16 MAY AT 0:25
इसे ! हाँ इसे
दूसरों की फिक्र हमेशा रहती है
पर अपनी ? कभी भी नही
हर वक्त अपने आपको ,
अपनी ख्वाहिशों को अनदेखा करना
जैसे इसने इसे एक आदत बना ली हो ...-
14 MAY AT 23:51
ये जरूरी नही है
कि आपके पास चाभी है तो
आप किसी भी ताले को खोल लेंगे _
उसके लिए आपके पास
बुद्धिमत्ता , धैर्य व विवेक का होना
बहुत जरूरी है ...-