जब हिम्मत टूटती है तो
फिर एक नये दौर से गुजरना पड़ता है
यहाँ ज़िन्दगी अपने लिए नहीं
औरो के लिए जीना पड़ता है
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खुद ही अपनी तन्हाइयों का बोझ उठाना होगा,
रखा है जिस हाल में जिंदगी तूने उस हाल में ही मुस्कुराना होगा-
मुझ से जुदा हो के कहता है मुझे तुम याद आती हो,
किसी के पहलू मे बैठ के कहता है मुझे तुम याद आती हो,
वक्त था बिन मौसम बरसता था,
अब जार जार हो के कहता है मुझे तुम याद आती हो,
निगाह भर देख लेता तो फिर भी मान जाती ,
नजरें फेर के कहता है मुझे तुम याद आती हो,
ना पूँछो उसकी बदनसीबी का आलम ,
के सब कुछ खो के कहता है मुझे तुम याद आती हो ।-
इतना मज़बूत है अब तक की तेरी यादों का सफर
भूलकर भी भूल नहीं पाए हैं हम तुमको अब तक ।
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Wqt bhi na Jane Kitana badlav Lata h
Pehle hanste thy ab hansna padta h-
ख़ुद में ख़ुद को ढूँढते है ,
ख़ुद से मिलने की आस में,
अब तक गुजरी तेरी चाह में,
बीत रही है अब सुकून की तलाश मैं !!-
हूं परेशां हां अजीब बात है
जिससे थी लवों पर मुस्कान
उसने दिया आंखों में आबसार है
मेरी तो हर रात के बाद एक और रात है।
रहूं साथ तो छलावा ,
बिछडूं तो जीना मेरा मुहाल है
हाय कैसी ये क़िस्मत,
दोनो ही तरफ़ मात है।
न बन सकी तुझ जैसी
न बदल सकी तुझको
निभाती चली
फिर भी मिली ग़म की सौगात है।
इश्क़? दो तरफ़ा?
बड़ा बेवजह ये ख़्याल है
काश......जनाज़ा
ऐसा हो मेरा जैसे बरात है-
ख्वाहिश कम रखो, फरमाइश भी कम रखो,
जब साथ छोड़ ही देना है हर किसी ने
तो भरोसे की गुनजाइश भी सबसे कम रखो..-