लाखों जिस्म आग में तबाह हो गए ,हम अँधे बने रहे आज थोड़ा चिंगारी क्या लगी,हम बिलख बिलख कर आग लगाने लगे ! -
लाखों जिस्म आग में तबाह हो गए ,हम अँधे बने रहे आज थोड़ा चिंगारी क्या लगी,हम बिलख बिलख कर आग लगाने लगे !
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कर लो क़ैद मुझे फ़िर इक पिंजरे में जश्न-ए-आजादी मुझे खूँख़ार बना रही ! -
कर लो क़ैद मुझे फ़िर इक पिंजरे में जश्न-ए-आजादी मुझे खूँख़ार बना रही !
अदा-ए-रुख़ देख मेरी मुझे समझने की गलती मत करना ये कलाकार है अपनी कलाकारी निभाने में माहिर हैं ! -
अदा-ए-रुख़ देख मेरी मुझे समझने की गलती मत करना ये कलाकार है अपनी कलाकारी निभाने में माहिर हैं !
परवाह नहीं है,परवाह करने वालों की मुझेकितनी बेपरवाह हो चली मैं,तेरे लापरवाह इश्क़ में -
परवाह नहीं है,परवाह करने वालों की मुझेकितनी बेपरवाह हो चली मैं,तेरे लापरवाह इश्क़ में
गर हो बात निभानी उनको वफ़ादारी फ़िज़ूल की अना से तो शायद लाज़िमी है इश्क़ में ख़ुद बेवफ़ा बन जाना ! -
गर हो बात निभानी उनको वफ़ादारी फ़िज़ूल की अना से तो शायद लाज़िमी है इश्क़ में ख़ुद बेवफ़ा बन जाना !
मज़हबी जुल्म के क़हर से घायल खुद है खुदा उसकी ख़ैरियत में उसको" ख़ुदा हाफ़िज़ "कहे कौन! -
मज़हबी जुल्म के क़हर से घायल खुद है खुदा उसकी ख़ैरियत में उसको" ख़ुदा हाफ़िज़ "कहे कौन!
जब सिर झुक गया हो तेरे ख़्वाब का तो,ऐ आँख शहज़ादा समझ उसकी ताजपोशी करना फ़क़त एक बेवकूफ़ी होगी -
जब सिर झुक गया हो तेरे ख़्वाब का तो,ऐ आँख शहज़ादा समझ उसकी ताजपोशी करना फ़क़त एक बेवकूफ़ी होगी
वो मिलावटी ना होने पर घुट घुट कर जीता होगाखरे सोने को भी अक्सर जल्दी टूट जाने का डर सताता होगा -
वो मिलावटी ना होने पर घुट घुट कर जीता होगाखरे सोने को भी अक्सर जल्दी टूट जाने का डर सताता होगा
कोई नक्शा दे जाओ सुकून को मेरेबेचारा कब से भटक रहा है जिंदगी की राहों में -
कोई नक्शा दे जाओ सुकून को मेरेबेचारा कब से भटक रहा है जिंदगी की राहों में
उसकी नज़रों के दाँत बड़े लंबे और नोकीले निकले अपनी लंबाई से दो गुना लंबा कपड़ा भी मुझे बचा नहीं पाया -
उसकी नज़रों के दाँत बड़े लंबे और नोकीले निकले अपनी लंबाई से दो गुना लंबा कपड़ा भी मुझे बचा नहीं पाया