वो पैदल चलते जा रहा है।
वो अपने गांव जा रहा है।
भूख प्यास उसके संगी हैं।
आज सियासत नंगी है।
उसका गांव में एक मकान है।
ये कैसा हिंदुस्तान है?
ये कैसा हिंदुस्तान है?
श्रमिक वर्ग का ठप्पा लेकर,
सबको अपने संग इकट्ठा लेकर।
उसके नीचे धरती, उपर आसमान है
ये कैसा हिंदुस्तान है?
ये कैसा हिंदुस्तान है?
Continued in the caption👇-
Arbab Ali
(फैज़)
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सबको सच का आईना दिखाता हूं
मैं जब बोल नहीं पाता तब कलम उठाता हूं।
मैं जब बोल नहीं पाता तब कलम उठाता हूं।
Joined 12 November 2017
9 MAY 2020 AT 14:46
14 NOV 2020 AT 19:24
अच्छा है कि मास्क का चलन है,
वर्ना तुम्हें देख के नज़रअंदाज करना मुझे अच्छा नहीं लगता।-
29 AUG 2020 AT 18:28
आज हवा भी कुछ खिलाफ सी है,
इक आशियाने की मुझे तलाश सी है,
मेरी कलम भी आज गवाह है कि,
आज तबीयत मेरी कुछ ख़राब सी है।
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1 JUN 2020 AT 22:28
मैने वक़्त बदालते देखा हैं,
मैंने हिन्दुस्तान बदलते देखा है।
हिंद है हम हिन्दी है हम
मैने इस भाषा से प्रेम बदलते देखा है,
मैंने हिन्दुस्तान बदलते देखा है।-
20 AUG 2018 AT 19:16
When you ask a auto wala "bhaiyya chaloge?" and he rejects you in a humiliating manner😁😂
The inner me:-
24 JUL 2018 AT 14:22
When you study for hindi whole night and in the morning you got to know that it is maths exam😂💔😢
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