वो पैदल चलते जा रहा है। वो अपने गांव जा रहा है। भूख प्यास उसके संगी हैं। आज सियासत नंगी है। उसका गांव में एक मकान है। ये कैसा हिंदुस्तान है? ये कैसा हिंदुस्तान है?
श्रमिक वर्ग का ठप्पा लेकर, सबको अपने संग इकट्ठा लेकर। उसके नीचे धरती, उपर आसमान है ये कैसा हिंदुस्तान है? ये कैसा हिंदुस्तान है? Continued in the caption👇