एहसास जो करती हूँ तेरे पास
शब्दों में बयां कर भी दूँ कैसे,
वो उन्मुक्त मेरा पास तेरे रहना
जग की सारी तकलीफें भूल जाना |-
कत्ल कर जाते हैं जो अलफाज
रह जाती हैं यादें उसकी....
खुशियाँ ढूंढ लू भी कैसे
जख्म जो कर जाते हैं तार- तार..-
How to keep working
In the no hope of light
Atleast be able to survive
Until I get a ray of light
Teaches me to depend on myself
Instead of depending on people/ things
Darkness gives a better lesson , never taught by books ....-
Take away all the stress, pain and heartbreak of the people...
They go throughout the day .
I would give them the peace, relief and smile on their face...
Making the night as healing as I can .-
सुनाई कहाँ ही देती है ये धुन जिंदगी की ,
शोर ही शोर में तो पुरा जीवन कटा है ,
कभी बाहर के शोर परेशान करतें हैं,
कभी मन के ही शोर ,घायल कर देती है आत्मा को...
सांसें भले सुनाती हो कोई धुन
पंक्षी भले गाते हो कोई धुन
रूह गा भी ले धुन ऐसा कहाँ ही होता है...
हो भी जाये तो वो मृग्तृश्णा ही होता है।-
तुम इश्क को कहते तो हो सुकून
देखना एक दिन बेचैनी दे जायेगा
"जान" तो तुम कह लेते हो उसको
गिरवी भी हो जायेगी जान तुम्हारी
तुम इश्क में यादें तो बना लेते हो
देखना एक दिन उन्हीं को भुल न पाओगे
अजीज तो तुम समझ लेते हो उसको
बेगाने भी जल्द ही हो जाओगे
तुम इश्क को कहते तो हो सुखद एहसास
देखना एक दिन रंज भी दे जायेगा
सो तो तुम जाते हो उसके बाहों में
ले ली जायेगी नींद भी फ़रेब से तुम्हारी....
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बहार ही आ गये थे पहले इंतजार में ,
यूँ इसे किया तो नहीं था कभी गुलज़ार में ,
पर बात तुम्हारी थी तो क्या शीत क्या ऊष्मा,
रग़बत थी तेरी फिर मेरी क्या रजा क्या समा....-
कुछ लम्हों की यूँ ऐसी खासियत होती है
लाखों तकलीफें हो, पर ना जाने दिल को क्यूँ सुकून दे जाती हैं
आखें कई आंसुओं से भरी होती है
पर ना जाने वो हसीं पल कैसे हमें हँसा जाती है
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वो अजनबी गैर होकर भी अपना सा लगा
अपने करीब होकर भी गैर लगे
समय की फकत चाल तो देखो
वो जो अपना लगा छोर गया
संभालने आये अगर तो वो अपने ही...-
रहते हो मशगूल तुम अपनी ही दुनिया में
कभी तो ख्याल कर लो एक पल भी
आखिर उसका क्या जिसकी पूरी दुनिया
ही तुम हो....
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