आज जनमदिन है तुम्हारा,
तुम्हारी होठों की मुस्कराहट से,
खिल उठे सदा घर आंगन सारा,
बधाई हो, जनमदिन है तुम्हारा,
हर साल, बढ़ती उमर के संग,
हर साल तुम्हारे ये,
पुर्ण रूप से बनते बदलते रूप रंग,
मानो जैसे एक सुकून सा संदेशा देती हो,
साल गुज़रता है हर साल,
पर हर बदलते साल के साथ,
तुम सबका दिल,
और भी ज्यादा मोह लेती हो,
सुनहरा तुम्हारा हर आज हर कल हो,
ख्वाहिशों को तुम्हारे पर मिले,
तुम्हारी हर कोशिश सफल हो,
दुआ है आज इस विशेष अवसर पर,
तुम्हारी जिंदगी खूसियों से भर जाए,
तुम्हारे आँखों की चमक, और होठों की लाली,
तुम्हारे हर सफर में,
तुम्हारे साथ हर पल हो।-
आज ख़यालों में,
एक तसवीर उभर कर आई है,
किसी जाने वाले की याद ने,
आज बोहोत की कमाई है,
हसता मुस्कराता हुआ चेहरा उसका,
आज भी जेहन मे समाया लगता है,
कोई जान पहचान तो नहीं है उससे,
फिर भी कहाँ वो पराया लगता है,
बोहोत दिलचस्प शख्स था वो,
सदाबहार उसकी किरदारें थी,
उसका हर आलाप जैसे ज़िन्दगी के पाठ पढ़ाता था,
किसे खबर थी,
की ऊन बातों की,
सच्चाई चुभने वाली थी,
एक आम इंसान के नाम पर,
सितारा था एक बीच हमारे,
फिर एक रोज से,
नील गगन का सितारा वो हो गया है,
बोहोत ढूंढते हैं अब उसे किरदारों मे,
वो हसता हुआ, खुशमिज़ाज शख्सियत,
अब हमेशा के लिए खो गया है।-
बारिश तो रुकने का नाम नहीं ले रही,
तुम बताओ, तुम रुको गे क्या?
जो इन बूँदों में भीगते भीगते,
उछलते कूदते,
मैं फिसल जाऊँ,
मेरा हाथ थाम कर उठाने के लिए,
तुम झुकोगे क्या?
बताओ, तुम रुको गे क्या?
बहाने और भी दे सकती हूँ मैं,
मेरे बहानों पे ऐतबार करोगे क्या?
मेरे दिल में एक अज़ीब सा तूफान है,
मुझे उससे गुजरना पड़ेगा,
तुम उस तूफान भरी राह मे,
साथ चलोगे क्या?
बोलो, तुम रुको गे क्या?
बीच बीच में, झूट मूट का तुम्हें हसा दूंगी,
तुम रूठे,
तो कोशिश करुँगी की तुम्हें मना लूँगी,
ज़ज्बात सच्चे हैं,
एहसास भी सच्चा है,
बात जो अगर कहूं कुछ,
तो मानोगे क्या?
तुम्हें जिंदगी भर को रोकना चाहूँ,
ये बारिश थम जाए,
उसके बाद भी,
रुको गे क्या?-
तेरी मौजूदगी मेरी जिंदगी में कुछ इस तरह है,
ये आसमान में छाए हुए वो काले बादल हैं,
जो ना गरजते हैं, ना बरसते हैं,
ना ही ज़मीन से मुलाकात को तरसते हैं,
ये तरसाते हैं,
मेरे पालकों से जाने कितने आँसु बरसाते हैं,
चीखती हैं इन यादों में,
तेरे साथ गुजारे थे जो लम्हें,
तुम्हारी बातें,
वो रातें,
इस जेहन से अब नहीं जाते,
मुझे तड़पाते हैं,
सताते हैं,
अब तेरी नामौजूदगी को ही,
गले से लगा कर सो जाते हैं,
दूर कहीं मेरे ख्वाबों में,
अनगिनत ख़यालों में,
कहीं तो तेरे हो पाते हैं।-
कुछ यादों का सिलसिला है,
मेरे अकेले का काफ़िला है,
पर फिर भी चल पड़ा है।
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डस रही थी यादें उसकी,
हस रहा था यार मेरा,
मेरी खुशी की उलझन तो देखिए जनाब,
मुस्कुरा तो रहा है,
मगर किसी और की बाहों मे,
प्यार मेरा।-
Aankhon se parda hata kar dekha maine,
Ishq ki jo chamak,
Jo chakachaun hai,
Uske kai khwaab dil me sanjo kar dekha maine,
Aankhon se parda hata kar dekha maine,
Zindagi ke kadam kadam par,
Jo jo shaks mere dil ko bhaya,
Usko bhi sang bithakar dekha maine,
Aankhon se parda hata kar dekha maine,
Yun chalte chalte kai saath choot gaye,
Umr bhar ke waade the,
Pal bhar na laga wo toot gaye,
Dil ke sabse kareeb hone se le kar,
Nazron me sabse jyada gir jaane ka
safar taye kiya maine,
Kitne saleeke se naate,
Baat baat par toot jaate hain,
Ye baat har baat karke dekha maine,
Aankhon se parda hata kar dekha maine.
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Itni nazdeekiyon me bhi, faasla bana rakha hai,
Tum yakeenan door hone lage ho,
Is maafik dil ko ye faisla pehle hi suna rakha hai..
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वो करीबी वो नज़दीकीयाँ भी तुम्हारे मर्जी मुताबिक थी,
यह फ़ासलों के फैसले भी तुमने अकेले ही कर डाले।-
हाँ यकीनन एक दर्द है तड़प है,
तुमसे दूर हूँ तो लगे ऐसा,
अजनबी अपने ही दिल की धड़क है।-