गुलाब, अत्यंत सुंदर होता है।लेकिन... हरश्रृंगार की सादगी, सुंदरता से, कहीं ज्यादा सुंदर,होती है!! -
गुलाब, अत्यंत सुंदर होता है।लेकिन... हरश्रृंगार की सादगी, सुंदरता से, कहीं ज्यादा सुंदर,होती है!!
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सुर्ख लाल रंग के जोड़े मे,बैठी थी जब तुम सेज पर।(अनुशीर्षक पढ़िए) -
सुर्ख लाल रंग के जोड़े मे,बैठी थी जब तुम सेज पर।(अनुशीर्षक पढ़िए)
तुम्हारे शरीर के उभार से,प्रेम है मेरी ऐयाश आँखों को।प्रेम है मेरे चित्त को,तुम्हारे निष्छल मन से।। -
तुम्हारे शरीर के उभार से,प्रेम है मेरी ऐयाश आँखों को।प्रेम है मेरे चित्त को,तुम्हारे निष्छल मन से।।
मैं सिंधु //(अनुशीर्षक पढ़िए) -
मैं सिंधु //(अनुशीर्षक पढ़िए)
ज़िन्दगी भर सितम था मुझसे, जिनको'आज मौत पर मिरे मातम मना रही हैं। -
ज़िन्दगी भर सितम था मुझसे, जिनको'आज मौत पर मिरे मातम मना रही हैं।
तुम्हारी' दैनिकी पढ़ रही थी मैं,हर पन्ने पर मैंने मुझको' पाया। -
तुम्हारी' दैनिकी पढ़ रही थी मैं,हर पन्ने पर मैंने मुझको' पाया।
प्रेम पत्र //(अनुशीर्षक में पढ़ें) -
प्रेम पत्र //(अनुशीर्षक में पढ़ें)
'अटल' इस अंड मेंतुम'सा कोई 'सरल' नहीं। -
'अटल' इस अंड मेंतुम'सा कोई 'सरल' नहीं।
मझधार में फँसे नैया को, अब किनारा नहीं मिलेगा।सितारों की इस दुनिया में,130 करोड़ लोगों का चाँद, अब दुबारा नहीं निकलेगा। -
मझधार में फँसे नैया को, अब किनारा नहीं मिलेगा।सितारों की इस दुनिया में,130 करोड़ लोगों का चाँद, अब दुबारा नहीं निकलेगा।
ज़िन्दगी को ज़िन्दगी ने सितम' दे रक्खा है।मौत को बेवज़ह ही हमने ज़ख़म' दे रक्खा है। -
ज़िन्दगी को ज़िन्दगी ने सितम' दे रक्खा है।मौत को बेवज़ह ही हमने ज़ख़म' दे रक्खा है।