Apurva Singh   (दिल के अल्फाज ❤)
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Joined 23 May 2020


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Joined 23 May 2020
12 JAN 2023 AT 18:03

कभी हम छूट गए
कभी साथ छूट गए
हम चलते रहे सफर में
हमारे वे हमराह छूट गए
ऐसे मशरूफ हुए हम
कि खुद को भूल गए
थककर ऐसे चूर हुए
बिस्तर की सिलवटों में सिमटकर सो गए
आँखों में आँसू सूख गए
और लबों के दर्द ये मुस्कान सील गए
वो अपनो से शिकायतों के पिटारे बंद हो गए
क्योंकि हम हालातों पर मौन हो गए
कुछ वादे हम यूँ ही तोड़ गए
हम समझदारी का चोला जो ओढ़ गए
कभी हम छूट गए
कभी साथ छूट गए....
~Apurva

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7 DEC 2021 AT 18:26

सोच रही हूँ,
क्या है दर्द की परिभाषा....
वो जो साथ खुद से छूट रहे हैं
या वो जो हम खुद से ही रूठ रहे हैं
हृदय में भारीपन सा हो
और खुद ही आंखों में अश्रु आ जाये
चोट नहीं है कोई तन पर
लेकिन चुभ गया है शूल हृदय पर
एकांत में जो पीड़ा का एहसास कराये
मन में बेचैनी सी हो
पर अभिव्यक्त ना हो पाये मन की गाथा
आखिर क्या है दर्द की परिभाषा....
#Apurva

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3 MAY 2021 AT 23:04

रात घनेरी छायी है
ये कैसी विपदा आयी है
ऐसा भी क्या गुनाह किया हमने
जिसकी इतनी कठोर सज़ा खुदा ने हमें सुनाई है
चारों तरफ फैला है मातम
लाशों के ढेर में अपनों की सिसकियां समायी हैं
कहीं रो रहा कोई अपनों को खो कर
तो कहीं किसी ने अपनों को ना खोने की लाख दुआएँ मांगी हैं
कितना कठिन है जीवन का यह डगर
हम अपनों को खो रहे हैं
और असहाय बंद कमरों में केवल रो रहें हैं
नहीं पता ,अपना साँस टूटेगा
या किसी अपने का हाथ छूटेगा
फिर भी चंद उम्मीदों में जिन्दगी की ये जंग जारी है....
Stay home Stay safe🙏🙏
#Apurva



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4 FEB 2021 AT 21:44

गौर से सुनों ये रात कुछ कहना चाहती है
तुम्हारे संग जैसे रहना चाहती है
बचपन में डर लगता था जिन अंधेरों से
आज वो तुम्हें सुकून का एहसास कराती हैं..
#Apurva

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30 JAN 2021 AT 19:58

कभी बेफिक्र गुनगुनाना चाहती हूँ
कभी खुलकर मुस्कुराना चाहती हूँ
हजारों बंदिशों से आजाद मैं
कभी- कभी केवल "मैं" होना चाहती हूँ
ना किसी का नाम चाहती हूँ
ना किसी को रिश्तों में बांधना चाहती हूँ
हाँ, कुछ तो लोग कहेंगे वाले लोगों से थोड़ा दूर रहना चाहती हूँ
क्योंकि कभी- कभी मैं केवल "मैं" होना चाहती हूँ
हाँ, कभी थोड़ा सहम जाती हूँ
तो झूठी मुस्कान की जगह खुलकर रोना चाहती हूँ
बेझिझक अपनी बातों को जहाँ कह सकूँ
ऐसे चंद लोग हमेशा अपने पास चाहती हूँ
कभी- कभी मैं केवल "मैं" होना चाहती हूँ....
#Apurva

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27 OCT 2020 AT 22:58

नदी के दो किनारों का मिलन हो वैसे
बिल्कुल विपरीत एक- दूसरे से
लेकिन एक- दूसरे बिन हो अधूरे से
तुम हो हवा के झोके जैसे
आज यहाँ कल वहाँ कोई ना तुमको रोके
है नहीं वो ठहराव तुम में
जो मेरे संग तुम्हें किसी रिश्ते में बांधे
तुमसे मेरा जुड़ना जैसे
एक आंखों में खुबसूरत सा ख्वाब हो वैसे
जो रातों में सुकून की नींद दे जाये
और सुबह में वास्तविकता का एहसास कराए
तुम्हारा प्यार है इन बारिश की बूंदों जैसे
भिग कर जिसमें मन मेरा महक उठे
और इन बारिश की बूंदों में खो जाए
लेकिन आज ये जो बरस रही हैं बूंदें
कल आंखों में एक लम्बा इंतजार दे जाएं
तुमसे मेरा जुड़ना जैसे
बिना किसी रिश्ते के भी अपनेपन का एहसास हो जैसे.........
#Apurva
~दिल के अल्फाज❤



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24 OCT 2020 AT 19:34

बहुत उलझी हुई सी है ये जिंदगी
सुलझाने में खो न दे हम आज का खुबसूरत पल कोई
तो क्यों न थोड़ी सी खुशियाँ कैद कर लें
और सहेज़ लें उनको उम्रभर के लिए यादों में ही सही
इन अनजाने से रास्तों पर, मिलेंगे कई अजनबी
उनमें से कुछ हाथ छूट जायेंगे बीच सफर में ही
तो क्यों न बना लें उनके साथ खुबसूरत यादें ही सही
कुछ लोग ही तो मिलते हैं जिंदगी में हमें
जो प्यार करते हैं हमारी कमियों के साथ भी
तो क्यों न जकड़ ले उनको हम आज
और बता दे उन्हें कितने जरूरी हैं वो हमारी जिंदगी के लिए
कि कहीं हो न जाये देर समझने में
और खो न दे हम उन्हें इन उलझनों में ही
गर जो लग गए सुलझाने इस जिंदगी की गुत्थी को
तो कहीं उलझ कर खो न दे हम खुद को ही
तो क्यों न खुल कर हर लम्हे में जी लें हम आज अपनी पूरी जिंदगी.........
#Apurva

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24 AUG 2020 AT 14:09

जिन्दगी चाहती थी
उसका एक पन्ना मैं मोहब्बत के नाम लिखूँ
उसमें रंग- बिरंगे सपनें तमाम लिखूँ
होकर बदनाम मोहब्बत में,
हजारों आशिकों में अपना भी एक नाम लिखूँ
खुद से ज्यादा किसी और के होने का इल्जाम लिखूँ
किसी शाम बेवजह मुस्कुराते हुए,
मोहब्बत में गुजरे खुबसूरत यादों के मैं अल्फाज लिखूँ
उसकी मुस्कुराहट के लिए,
दुनिया से लड़ जाने वाले खुद के वो जज्बात लिखूँ
खुद को मोहब्बत में रंग जाने का एहसास लिखूँ
जिन्दगी चाहती थी
उसका एक पन्ना मैं मोहब्बत के नाम लिखूँ... 🥰
#Apurva

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14 AUG 2020 AT 13:29

ना जाने कब ये झूठे ख्वाब दिखाने वाले
प्यार भरी बातों से आसमान की सैर कराने वाले
एक दिन आपका साथ छोड़ दें..🙏😊
#Apurva

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8 AUG 2020 AT 19:26

कहाँ मिलता है आजकल ये सच्चा हमसफ़र
जो साथ चले बिन करे दुनिया की फिकर
जो लड़े तुमसे लेकिन मना ले तुम्हें हर बार रूठने पर
जिस पर हक़ हो इतना कि ना हो उसे कभी खोने का डर
कहाँ मिलता है आजकल ये सच्चा हमसफ़र..
जिसके साथ ना हो केवल दो पल के खुशियों का सफर,
वो हो ऐसा जो साथ दे उम्रभर चाहे खुशी हो या गम
आजाद हो कसमों और वादों से तुम्हारे
फिर भी तुम हो मंजिल उसकी, खत्म हो तुम पर उसका सफर
कहाँ मिलता है आजकल ये सच्चा हमसफ़र.....
#Apurva




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