अब और कोई आरजू नही तू जो हासिल नहीं||
अब और कोई गुफ्तगू नही तू जो हासिल नहीं||
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Relationship are like arrow and bow.
Both are incomplete without each other.
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दुर दुर तक ढोल नगाड़े बजने लगे जब घोढी चढ़कर तू आया था।
दुर दुर तक हवाय रुक गयी जब तुने घुंगटा मेरा उठाया था।
दुर दुर तक दीये जल गए जब तुने मुझे और मेने तेरी ओर देखा था।
दुर दुर तक खुशियाँ फ़ेल गयी जब हमने बेटी को जनम दिया।-
Meri zindgi ka khel, shatranj se b zayada majedar nikla, me haari bhi toh apne hi raja se....!!
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हम कर्म करने में मनमानी कर सकते हैं,
परंतु कर्म भोगने में नहीं। ॐ शाँति🙏-
कुछ लोग अपने मंसूबों को मुकम्मल करने के लिए झूठ और छल का सहारा लेते हैं। ऐसे लोग कामयाब ज़रूर होते हैं पर कुछ क्षण के लिए। ऐसे लोगों का अंत दर्दनाक होता है। इसलिए हमेशा नेकी के रास्ते पे चलिए, ये शुरू में मुश्किल ज़रूर है पर इसका अंत सुकून भरा है।
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एक बुलबुल बड़ी मेहनत से पूरी ज़िंदगी घास और जड़ो का तिनका तिनका इखट्टा करके अपने बच्चे के लिए घरोंदा बनाती है। अपने प्यार और मेहनत से घरोंदे को खूब संवारती है। एक दिन बुलबुल घरोंदे को लोमड़ी के हवाले कर कुछ दिन के लिए चली जाती है। क्योंकि लोमड़ी उसे विश्वास दिलाती है कि वो इस घरोंदे का बखूबी ख्याल रखेगी। परन्तु चालक लोमड़ी एक झटके में उस घरोंदे को तोड़ देती है।बुलबुल जब ये सब देखती है उसकी आँखें भर आती है।लेकिन वो लोमड़ी इस बात से अनजान होती है कि जब प्रकर्ति कर्म का थप्पड़ उसके गाल पे धरेगी तब वो न तो जी पाएगी और ना मर पाएगी।
कर्म जरूर वापस आता है आज नही तो कल आता है, परन्तु आता इसी जन्म में है।-
नए साल ने मुझे ख़ुशी से गले लगाया है, ये नया साल नए अवसर मेरे लिए लेके आया है।
नए साल ने दुख के बादल को हवा के झोंके से हटाया है, ये नया साल मेरे जीवन में नई उमंग भरने आया है।
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तितली 🦋 उड़ी..उड़ जो चली..
फूल 🥀 ने कहा आजा मेरे पास..
तितली 🦋 कहे मैं चली आकाश 💭।
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'The truth is losing'.
'And the lies are winning'.
'In the battle of the truth and the lie..'
'...it is lie, who is winning and the truth is losing'.-