अपनी भी ख़ैरियत पता चले
ज़ो तेरी खैरियत पता चले..!!
-
और..
हर बार मेरी बात तुम से ही शुरू होती है
मेरी हर क... read more
मुस्कान के पीछे का..
दर्द समझ नहीं पाते है,
मेरे अपने देखो..
मेरे कहलाते है..!!-
तेरा आना यूँ हुआँ था कभी
तुझसे मिल कर यूँ लगा था कभी
बहुत अकेले थे.. तेरे बगैर हम
बहुत अकेले है ..तेरे बगैर हम..!!-
तुम कभी जान ही नहीं पाओगें
वो चंद रात..
ज़ब मैंने जाग कर गुजारी
ज़ब स्रिफ तुम्हारे एक msg के इंतजार में
मोबाइल को सीने से लगा छत को ताकती रही।
ज़ब उस तीन मिनट की तुम्हारी साँसो की
आवाज़ को हजारों बार सुना..
नहीं समझ पाओगे तुम उस तड़प को
ज़ब मुँह को बंद करके मैं चीखती थी..
नहीं समझ पाओगे..!
कभी नहीं।🥺🥺-
तेरी याद ना आये
तो कितना अच्छा हो.
मैं फिर मैं बन जाऊं
तो कितना अच्छा हो.
सजाऊँ सवारुँ रोज
इस दिल को फिर.
और ख़ुद को ही चाहूँ
तो कितना अच्छा हो..!!
-
उदास आंखों मे मेरा...हाल छिपा है
ना दिखा तू बस ये ही मलाल छिपा है
ना चाहत किसी की ना ख़्वाब कोई
तेरे लिये... तेरा ही सवाल छिपा है
कभी तो लोटेगी मुस्कान इन लबों की
बाबले मन मे...बेतुका ख़्याल छिपा है..!!-
कुछ यूँ सताती है रातें मेरी
मदहोश कर जाती है यादें तेरी..
करना तो चाहती हूँ नफ़रत तुझसे
महोब्बत जता जाती है बातें तेरी...
तू आना कभी मौसम मे पतझड़ के
सावन बन जायेंगी...आँखें तेरी..
तुम भूल ना जाना वो सितम अपने
संभाल कर रखी है वो नियामतें तेरी..!!-
महोब्बत की अदालत ने फैसला सुनाया
उसे सही....गलत मुझे ठहराया..
कम थी सज़ा-ए -मौत मेरी गुस्ताखी की
उसकी ज़िन्दगी से बेदखल मुझे कराया..
कहती क्या और बताती क्या अपनी बेगुनाही
सिर पर हर इल्जाम मैंने अपने उठाया..
जानती थी खुदा भी साथ मेरा नहीं देगा
दुआँ के हाथ फिर भी उसी के उठाया...
सुनो... शिकायत नहीं है कोई भी
तेरी नफ़रत को आंचल मे अपने सजाया..!!-