Me Trying to cover whole syllabus
In one Night before exam.-
YESTERDAY AT 0:06
मेरी कलम से मेरी जो पहचान है,
वो पहचान रहने दो
मैं अनजान हूँ मुझे अनजान रहने दो...
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15 SEP AT 16:17
बहुत सारे फूल थे
अलग-अलग गन्ध थी
अलग-अलग रूप थे
पर एक फूल ने
दूसरे फूल से कभी नहीं कहा—
तुम अछूत हो।
विहाग वैभव-
14 SEP AT 16:20
यह शांत सड़क और उगता सूरज — दोनों बताते हैं कि सफर बड़ा हो या छोटा, शुरुआत हमेशा खूबसूरत होती है।
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14 SEP AT 16:18
कितने फूल थे
जो तुम्हारे जूड़े के लिए तरसते रहे
और दूर कहीं पहाड़ी जंगलों में
लावारिस मारे गए।
~ विहाग वैभव-
14 SEP AT 0:36
हिन्दी हमनऽ के जुबान, हिन्दी पहचान बऽ
सगरो भाव-विचार के, रास्ता इहे बऽ
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