aprav jain   (अप्रव जैन)
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Joined 25 May 2019


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Joined 25 May 2019
4 JUN AT 0:12

मेहनत में लगन हो तो लक्ष्य चूम लेते है
हौंसले बुलंद हो तो मंजिल छीन लेते है 
नयनों के मोती से जब नेत्र भीग जाते है 
अड़चनें होने पर भी सफलता पा जाते है

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8 MAR AT 9:40

देश की ये सशक्त आवाज देश का ये स्वाभिमान है
संसद में उठाए आवाज तो खेल कूद में भी शान है

पन्ना का बलिदान ये देखो या प्रेम हाडा रानी का
राष्ट्रप्रेम में पुत्र त्यागा या उपहार दिया शीश का

प्रेम रूप में कृष्ण दिखे तो मीराबाई हो जाती है
बात हो अधिकारों की तो लक्ष्मीबाई हो जाती है

नारी कोई अबला नहीं मां भारती की पहचान है
बुरी नजर कोई इन पर डाले वो राक्षस समान है

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24 DEC 2024 AT 11:30

हर बात का समाधान आसानी से निकल जाता है 
अगर उठ जाती है कलम तो दिल पिघल जाता है

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18 NOV 2024 AT 15:20

बहुत खूबसूरत चौपड़ के नजारे है 
हवामहल की सुंदरता पे सब वारे न्यारे है 

सिटी पैलेस में आते सुंदर चित्र है 
गुलाबी नगरी दुनिया में विचित्र है 

हर सुबह शाम यहां की गुलाबी है 
यहां के घेवर की दुनिया दीवानी है 

विदेशी सैलानियों को नगरी बहुत सुहानी है 
आखिर में यह सबसे प्रसिद्ध राजधानी है 

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22 OCT 2024 AT 8:07

सुदामा ने कृष्ण से मित्रता न रखी कुछ आस में
द्रोपदी का चीर हरण सब देख रहे थे पास में
अर्जुन कर्ण दुर्योधन तो समा गए इतिहास में
शकुनि के पासे अभी भी है कुछ लोगों के पास में

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15 OCT 2024 AT 9:33

संघर्षों के तालों में हमने भी चाबी डाली है।
कभी मिली सफलता कभी दरवाजा खाली है।
जीवन की युद्ध भूमि को हम भी जीत जायेगे।
मिले कृष्ण सा सारथी तो हम अर्जुन बन जायेगे।

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29 AUG 2024 AT 20:36

अमावस्या की रात में कभी चांदनी नही होती
एक तरफा मोहब्बत में भी हार नही होती
अभी भी होती है उससे मेरी घंटो तक बाते
पर उन घंटो में भी मिनटों वाली बात नही होती

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14 AUG 2024 AT 17:47

कई ने खाई थी गोली कई बर्बाद हुए थे
बहाकर लहू वतन पर कई कुर्बान हुए थे
विरासत है आजादी कोई बक्शीश नही है
तोड़ गोरों की जंजीरें हम आजाद हुए थे

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12 JAN 2024 AT 19:34

कई वर्षो से लगा पर्दा हटने वाला है
राम का वनवास पुनः कटने वाला है
नर नारी पशु पक्षी भी है जिसको आतुर
ऐसा दिव्य दरबार अयोध्या में सजने वाला हैं

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31 DEC 2023 AT 22:55

पुरानी यादें नई महफिलों में ताजा करेगे,
नए अंदाज में कुछ लहजा अलग रखेगे।
जो मुक्कमल न हुए सपने तो क्या हुआ,
नया साल है, नई हवाओ में दौड़ चलेंगे।

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