अपराजिता   (अपराजिता की भावना)
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Joined 12 March 2019


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मेरे अंतर्मन के जख़्म भर रहे थे धीरे धीरे सारे
उसने तज़ ऐसा कसा फिर से रिस गए सारे

किसे बताए किसे दिखाऊ जख़्म के दर्द सारे
मूक दर्शक बनकर सह रहे जिंदगी जख़्म सारे

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तुम्हारे ख़्वाब यू अधूरे से क्यों रह गए
निकले थे मंज़िल पाने को पीछे क्यों रह गए

कुछ हसरते साथ चल रही थी तुम्हें पाने केलिए
और अच्छा पाने की आज़माइश में क्यों रह गए

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हमारे दरम्यान कुछ नहीं बाक़ीरहा
समय भी हमारे साथ न रहा

ख़्वाब का महल अधूरा रहा
तेरे मेरा पहले जैसा साथ न रहा

गलतफ़हमी में तू हमेशा रहा
वफा में भी जफा देखता रहा

कब तक तुझसे उम्मीद लगाए रखे
तेरा सुलह का इरादा नहीं दिख रहा

ज़रा ज़रा सी बात पर रूठ कर
"भावना" का दिल हमेशा दुखाता रहा

_अपराजिता की भावना

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YESTERDAY AT 12:23

वक़्त किसी का नहीं गुलाम है

वक़्त की चरकी जब घूमती
बड़े बादशाह भीहो जाते ख़ाक है

वक़्त को जिसने जीत लिया है
वो उस वक़्त का बादशाह है

रंक को राजा राजा को रंक
बनाना ये तो वक़्त के हाथ है

सब वक़्त - वक़्त की बात है
वक़्त नहीं किसी का गुलाम है

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तुझे इश्क़ ने भेजा है सलाम

मैंने लिखा है दिल का हाल
मेरे दिल में छिपा है तेरा नाम

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बस भागने की लगी है दौड़
भेड़ चाल सी लग गयी है हौड़

दो घड़ी का आराम नहीं पास
जीना सीखा नहीं बस रहे है दौड़

समझा नहीं परखा नहीं किसी से
पीछे न छुट जाएं बस रहे है दौड़

कमाने की मशीन बनकर रह गए
मन को मारकर बस रहे है दौड़

ज़िंदगी भर बस जोड़ते ही रहे
इच्छा का गला काट बस रहे है दौड़

जीवन मुट्ठी से रेत सा निकल गया
काया में बिमारी की लग गयी हौड़

जी न सका मन मर्जी जीवन अपना
सारी ज़िंदगी बस लगाता ही रहा दौड़

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अलग - अलग रुप दिखाना आता नहीं
किसी का फ़ायदा उठाना आता नहीं

जैसे थी वैसे ही रहूंगी मैं तो सदा
बात -बात पर रंग दिखाना आता नहीं

अक्सर तरक्की पाकर घमंड में आ जाते है
मुझे आकाश में उड़ते रहना आता नहीं

मुझे तो हमेशा ज़मीन से जुड़े रहना पसंद है
ऊँचे बोल बोलकर घमंड दिखानाआता नहीं

थोड़ी बहुत तो बुराई होगी "भावना" में भी
बेमतलब किसी का दिल दुखाना आता नहीं

_अपराजित की भावना

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मेरा दिल तोड़ कर मत जाना

साथ मेरा छोड़ कर मत जाना
मेरा ख़्वाब तोड़कर मत जाना

सहारे तो तुझे बहुत मिलेंगे जहाँ में
पर मुझसे हाथ छुड़ाकर मत जाना

मैंने हर ख़्वाब तेरे नाम किया है
वफ़ा से मुंह मोड़कर मत जाना

"भावना" ने दिल में तुझे जगह दी है
उसे कभी धोखा देकर मत जाना

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समय का चक्र पूरा होगा

मिल ही जाएगी मंज़िल
मेरा हर ख़्वाब पूरा होगा

उम्मीद का दामन थामे है
परिणाम भी अच्छा होगा

शिद्दत से तैयारी की है
तो हर फ़ैसला जायज होगा

ज़िंदगी का जब फ़ैसला होगा
तब कर्मो का भी हिसाब होगा

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अंदर की रोशनी इंसान को जिंदा रखती
हर मुश्किलों से लड़ने की हिम्मत रखती

दुनियां की भीड़ में ख़ुद को अलग करती
मुश्किल समय में विवेक को कायम रखती

अंदर की रोशनी हर जंग जीतने की ताकत रखती
मन के जीते जीत मन के हारे हार समान रखती

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