वो जो झांक रहे हो तुम
बादलों को चीर कर
चांदनी तुम्हारी ज़मीन पर गिर रही है
समेटो इन्हे और आसमान में भर लो
ऐ चांद मेरी नज़रों को सुकून दो।
खूबसूरती तुम्हारी वो सफेद रोशनी है
ऐ चांद घमंड ना कर, दाग तुझमें भी कई है।
सुन, हम नफस बन मेरा, साथ दे मेरा।
इस हसीन रात के पहर कई है।
ये ठंडी हवा
मेरे बालों को उड़ाते हुए
मुझे तेरा पैगाम दे रही है।
के..… छु के जा रही है तेरी चांदनी मुझे।
वक़्त भी कुछ ठहरा सा लग रहा है
ऐ चांद तू कुछ मुझे मेरा अपना सा लग रहा है।
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