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जलती हुई जिंदगी को,थोड़ा और जलाओ।चिंगाड़िया अभी बाकी है,इनको भी आग बनाओ। -
जलती हुई जिंदगी को,थोड़ा और जलाओ।चिंगाड़िया अभी बाकी है,इनको भी आग बनाओ।
इस बार ठंड है कीदिल तक उतर जाएइस बार ठंड है कीदिल तक उतर जाए,आग भी तो लंबी लगी हैथोड़ी ठंडक ही मिल जाए।। -
इस बार ठंड है कीदिल तक उतर जाएइस बार ठंड है कीदिल तक उतर जाए,आग भी तो लंबी लगी हैथोड़ी ठंडक ही मिल जाए।।
राह अनिश्चितमोह अपारमृत्यु परदेखी कई बार।मन के मालिकतुम ही रामफिर क्यों मेरा मोह महान??त्याग मनुज काकर्म प्रधानपर मेरा क्योंमोह महान !मैं जानूँ यातुम जानोस्वप्न नहीवो भविष्य प्रधानकहने को वोमोह महानपर ये मेराकर्म है राम। - अपूर्व कृष्णा -
राह अनिश्चितमोह अपारमृत्यु परदेखी कई बार।मन के मालिकतुम ही रामफिर क्यों मेरा मोह महान??त्याग मनुज काकर्म प्रधानपर मेरा क्योंमोह महान !मैं जानूँ यातुम जानोस्वप्न नहीवो भविष्य प्रधानकहने को वोमोह महानपर ये मेराकर्म है राम। - अपूर्व कृष्णा
आज़ादी झाँसा है,पूर्ण आज़ाद तो तुम अब भी नही,ना कभी होगे।जितनी आज़ादी है, उसकी रक्षा करो। -
आज़ादी झाँसा है,पूर्ण आज़ाद तो तुम अब भी नही,ना कभी होगे।जितनी आज़ादी है, उसकी रक्षा करो।
दरवाजे की करकराहटहमने ना समझी यकीन है उसे!कान हमारे भी हैं,समझी तो हमने भी। -
दरवाजे की करकराहटहमने ना समझी यकीन है उसे!कान हमारे भी हैं,समझी तो हमने भी।
बातो बातो मेंबातें हमसे हुई,हल्की बातों सेबातें बेहद हुई,सपनों की हुईअपनों की हुई,नींदों में हुईसुबह तक हुई।सिलसिला यहीफिर से शुरू हुई, हल्की बातें तो हुई पर हमसे न हुई।। -
बातो बातो मेंबातें हमसे हुई,हल्की बातों सेबातें बेहद हुई,सपनों की हुईअपनों की हुई,नींदों में हुईसुबह तक हुई।सिलसिला यहीफिर से शुरू हुई, हल्की बातें तो हुई पर हमसे न हुई।।
इबादत भी हद तक सही खुद जलो तो जलोहद से जो ज्यादा हुई ,खुद भी जले रूह भी जली! -
इबादत भी हद तक सही खुद जलो तो जलोहद से जो ज्यादा हुई ,खुद भी जले रूह भी जली!
बारिश किससे सीखी है तुमने ये अय्यारी,लगता है इंसानो नेतुम्हें भी बेवक़्त बना दिया। - अपूर्व कृष्ण ब्रह्मऋषि -
बारिश किससे सीखी है तुमने ये अय्यारी,लगता है इंसानो नेतुम्हें भी बेवक़्त बना दिया। - अपूर्व कृष्ण ब्रह्मऋषि