दिए रंगोली की जगमगाहट जता रही है
आज दिवाली की शानदार खिलखिलाहट
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सो रहा ये आसमा
जाग रही ये धरती
मै पुछ ... read more
लिखना था तेरे कल के बारे में
पढ़ना था तेरा आज मुझे
तू है क्यों बेहतरीन ये
समझना था जज्बात मुझे-
शब्द कभी मरते नहीं
नहीं मरते हैं ये शब्द कभी
बस रह जाते है कहे हुए
किसी के द्वारा
किसी की आत्मा के अतःस्थानों से
नहीं खत्म होते है जिव्हा के
निकलने के पश्चात
हो जाते है सदैव के लिए
अमर की कहा था किसी ने
ये शब्द अपने चाह से मुझे
क्या पता शब्द की तुलना
गरिमा भावना की रही होगी
उस क्षण जब निकली होगी
शब्द अथाह प्रकारों के बाद
एक एक शब्द का निकलना
आसान नहीं होता है
किसी के आने वाले दिनों
के लिए
और ना ही आसान होता है
बीते उन क्षणों के लिए
रह जाते है जन्मों जन्मों तक याद
क्या कहा था उसने मेरे
भूतकाल में
नहीं भूल सकता कोई भूल के भी
यही तो है शब्द की
पहचान
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बादल ये आवारे है
जो बिना रुके ही अपने मस्ती में
गुम है
लेकिन इनका बरसना इतना आसान नहीं होता
जब बरसाते है तो आंगन में बाढ़ ही ला देते है-
आज पुरानी डायरी से एक शायरी
मैने पढ़ी
उसके हर एक शब्द में तेरी ही तड़प आज भी
रही-
मैने अक्सर कविता के भीड़ में बनारस के शब्द को
ढूंढा है
मैने हर बार कविता के मध्य में बनारस की महत्वत्ता को सराहा हैं
मैने कविता मै हर बार बनारस को पाया है
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