अमूमन बर्बादियां किसे अच्छी लगती हैं
ये बात और है कि
मेरी बर्बादियों में शामिल तू है
@अपर्णा भटनागर-
मज़ीद इन मुलाक़ातों का सफ़र चलता रहे..
ज़न्नत ए इश्क दिनो
दिन परवान चढ़ता रहे..
क्या ख़बर कौन सा मुक़ाम
ज़िन्दगी का आख़िर हो..
हर आफ़ताब तेरे पहलू में यूँ ही ढलता रहे..
@अपर्णा भटनागर-
ना तुम रूठो , ना हम रूठें ,
रिश्तों की डोरी न टूटें ....
भले ही हों कांटें राहों में ,
साथ हमारा कभी न छूटे ....
मोहक पुष्पों की बगिया में ,
रंग - बिरंगी कोपल फूटें ....
जीवन के इस मंगल पथ पर ,
छोड़ के गम , खुशियों को लूटें .....
अपर्णा
सभी को नव वर्ष की हार्दिंक शुभकामनाऐं🙏-
चाँद लिए अपने आँचल में
हो मदमस्त चमक रही है
आज चाँदनी तन्मयता से
गगन से मानो बरस रही है
झोंके शीतल मंद पवन के
बहते तन मन पुलकित करके
शरद ऋतु की उन्मुक्त बेला
धरा को चाँदी में मढ़ रही है
@अपर्णा भटनागर-
तेरे दिए फूलों की किताबों में
अना रखता हूँ
मैं भी इक मुहोब्बत ए अंदाज़ ए
बयाँ रखता हूँ
महक तेरी ही नज़र आए शेर
ओ रुबाईयों में मेरे
तेरे गुलाबों की खुशबू अल्फाज़ों की
ज़बां रखता हूँ
@अपर्णा भटनागर
अना - इज़्ज़त स्वाभिमान-
मुझे छोड़ के गर कारवां भी बनाओगे
हज़ारों में ख़ुद को अकेला ही पाओगे
लोग पूछ बैठेंगे जो सबब उदासी का
भीगी हुई पलकें किस तरहां छुपाओगे
@अपर्णा भटनागर-
मुझे छोड़ के गर कारवां भी बनाओगे
हज़ारों में ख़ुद को अकेला ही पाओगे
लोग पूछ बैठेंगे जो सबब उदासी का
भीगी हुई पलकें किस तरहां छुपाओगे
@अपर्णा भटनागर-
मुझे छोड़ के गर कारवां भी बनाओगे
हज़ारों में ख़ुद को अकेला ही पाओगे
लोग पूछ बैठेंगे जो सबब उदासी का
भीगी हुई पलकें किस तरहां छुपाओगे
@अपर्णा भटनागर-
जय गणपति जग मंगल कारक
संपूर्ण करो शुभ कार्य विनायक
विपदा संघारक विघ्न विनाशक
ॠद्धि सिद्धि समृद्धि सुखदायक
@अपर्णा-