Aparajita Negi  
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You will find-:
Inspiration ✊
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Politics
In this web book 🙏
Joined 3 March 2020


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30 MAY 2022 AT 18:44

किसी ने पूछा कैसा लगता है उस वक्त?

मन में हजारों सवाल एक साथ आते है,
दिनभर रातभर वो मेरे को सताते है।
एक साथ लाखों भावनाओं को जीया है मैने,
उन सबके कड़वे रस को पीया है मैने।
अपनों का ख्याल भी उस वक्त हिम्मत नही देता है,
क्योंकि ये दर्द मेरे मन में उनकी तस्वीर को धुंधला कर देता है।
शरीर स्वस्थ है पर आत्मा सड़ जाती है,
उस वक्त जीने की चाह ही मर जाती है।
खुद को खत्म करने का ख्याल बार बार मन में आता है,
जिंदा रहने से ज्यादा मरना सुख का एहसास कराता है।

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25 MAR 2021 AT 14:35

महीने बीते साल बीते कोंग्रेस का सत्ता कमजोर पड़ा,
2016 का चुनाव हार गए,
क्योंकि उनके सामने मोदी था खड़ा।
भारत की जनता ने मोदी को चुना,
क्यूंकि उसने अच्छे दिन का जाल था बुना।
आम आदमी उसमें फंसता गया,
मोदी का रौब बड़ता गया।
नोतबंदी कर दी जीएसटी लगा दी,
पूछा सरकार का पैसा कहां जाता है,
तो स्टैचू ऑफ़ यूनिटी दिखा दी।
गरीबों पे घर इन्हीं बेरोजगार पे नौकरी नहीं,
औरतों की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाए,
सवाल पूछा तो हर बार धर्म को बीच में लाए।
रोजगार लाएंगे बच्चो को पढ़ाएंगे,
ऐसे झुटे वादे करते है,
जिस देश की कोई औकाद नहीं
उस पाकिस्तान से खुद को ढकते है।

अंग्रेजो के बाद कोंग्रेस ने राज किया,अब हमारे मोदी जी है खड़े,
भारत की जनता संभाल जाओ,
कहीं आज़ादी के लिए फिर से ना लड़ना पड़े।।

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24 MAR 2021 AT 8:44

सत्य असत्य का ऐसा खेल है खेला,
भारत का हर सरकार ने निकाला है रेला।।

पहले आयी कोंग्रेस की सरकार
जिसने किए भारत पर अनेकों उपकार।।
इससे नेहरू कहो या गांधी परिवार,
सालो से करते आ रहे है ये भारत पर वार।।
नेहरू अतरंगी कारनामों का क्या कहना,
राहुल को संभालने आती है उसकी बेहेना।।
इंदिरा ने तो ऐसा खेल है रचाया,
भारत पे इमरजेंसी का ठप्पा लगाया।।
फिरंगी के हाथ में भारत की डोर थमा दी,
उसने तो सत्ता में अपनी कुर्सी ही जमा दी।।
बोलते हुए आदमी को इन्होंने चुप है कराया,
परिवार को इन्होंने पार्टी बनाया।।

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23 MAR 2021 AT 21:12

दिल में बसाया।
तुम्हारे साथ जीने का सपना सजाया।
लेकिन तुमने वो सपना तोड़कर
हमको कर दिया पराया।।

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22 MAR 2021 AT 9:46

अकसर कवि यह बात करते है कि मा होती तो ऐसा होता,
कभी सोचा है मा नहीं होती तो कैसा होता।।

तेरा हाथ पकड़कर मै चलती थी,
तेरे हाथों से मै खाना खाया करती थी।
आज तू नहीं है,
तो चलते हुए डर सा लगता है,
भूख हो तो भी खाने का मन नहीं करता है।।
मुझे किसी की नजर ना लग जाए, तो कला टीका लगाया करती थी,
मेरी जरा सी चोट देख के, तेरी आंखें भर जाती थी।
आज तू नहीं है,
तो इस दुनिया की नजर से मुझे कौन बचाएगा मां?
मेरी चोट पे मलहम कौन लगाएगा मां?
तेरी गोद में सोकर मै अपने सारे दुख भूल जाती थी,
तेरे साथ होने से मुझे हिम्मत आती थी।
आज तू नहीं है,
अपने दुख मै किसके आंचल से ढकुं,
किससे हिम्मत लेके मै इस दुनिया से लड़ूं।।
तेरे होने से घर में रौनक होती थी,
त्योहारों की खुशियां तुझसे दुगनी हो जाती थी।
आज तू नहीं है,
तो घर आने का मन नहीं करता,
सबकी आंखें नम है, त्योहारों में किसी का मन नहीं लगता।।
लोग कहते है,
बेटा, पूरी दुनिया तेरे साथ है,
पर मेरी दुनिया तो तू है मां
तेरे जाने से सूना रह गया मेरा हाथ है।।

मां अब छोटी छोटी बातों पर मै किसको सताऊंगी,
मां अब किसको मै "मां" कहकर बुलाऊंगी।।

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27 AUG 2020 AT 21:21

Be your own critic.
Because you cannot
Fool yourself by giving lame excuses.

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27 AUG 2020 AT 21:17

How to improve?

.Criticise yourself
.Accept your criticism
.Stop giving excuses
.Take an action

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24 AUG 2020 AT 16:51

सवाल उठे अनेक, जवाब एक न था,
दिल में जुनून था और फैसले पर संकोच न था।
दुनिया की सोच से मेरा कोई नाता न था,
एक मामूली बच्चा था तब मै,
जिसका अपना कोई खाता न था।।
हाथ में बल्ला और आंखो में सपने थे,
सवाल उठाने वाले ही मेरे अपने थे।
"दुनिया के साथ चलो" ऐसा उनका कहना है,
पर मेरे लिए तो बल्ला और गेंद ही मेरा गहना है।।
आसमान की चाह नहीं है मेरे को,
इस मिट्टी में जन्मा हूं,
इसके लिए खेलना मेरा सपना है।।
जब सबने साथ छोड़ दिया,
तब मां ने मुझे अपने आंचल में लिया।।
तेरी ममता का कर्ज मै कभी चुका नहीं पाऊंगा,
पर तेरी खुशी के लिए मां, मै सबसे लड़ जाऊंगा।
तू मेरी जान , मेरी शान , मेरा अभिमान है,
मां, तू ही मेरी पूजा और मेरा भगवान है।।

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3 AUG 2020 AT 8:04

कच्चे धागे से बनी पक्की
डोर है रखी,
बचपन की यादों से बनी
प्यार की मोहर है रखी।
भाई की रक्षा का
वादा है रखी,
बहन के प्यार का
धागा है रखी।

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2 AUG 2020 AT 7:56

मुश्किलों में हाथ बड़ाती है दोस्ती,
दुख में कांधा बन जाती है
जब सब साथ छोड़ देते है,
तब वह अकेले हौंसला बढ़ाती है।
जन्म लेते ही अपने तो कई मिल जाते है,
एक दोस्त ही तो है,
जो अनजान होके भी अपनों से बढ़कर बन जाते है।

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