किसी और को अब भला देखूं कैसे ,
रुख़ से तेरे नज़र ये हटे न हमारी ।-
Anwer Hashmi
Office Superintendent
W.C. Railway
योम-ए-पैदाइश -15 February
Guzri Duniya Bhoolni Hogi Waqt Yahi Sikhlaata Hai .
Dard Ka Uthna Tay Hai Varna Jab Jab Zakhm Kuredoge..
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नहीं वक़्त को किसी की परवाह,वक़्त ग़ज़ल न शे'र ।
वक़्त इक ऐसा लफ़्ज़ है"अनवर",ज़बर न इसमें ज़ेर ।।-
बिछड़ना इक सज़ा भी है ।
बिछड़ने का मज़ा भी है ।।
सब को सब नहीं मिलता ।
कुदरत की रज़ा भी है ।।-
दुनिया को दिखाया जाए,न अहसान जताया जाए ।
रिश्ता तो वही है जो सलीक़े से निभाया जाए ।।
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ऐ मौत मत फ़िकर कर
मैं तेरा हूँ फ़क़त तेरा ,
ज़िन्दगी से कह दिया है
औक़ात में रहे ।-